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Written By अवनीश कुमार
Last Modified: रविवार, 9 अक्टूबर 2022 (09:46 IST)

वाह री कानपुर देहात पुलिस, नाम के चक्कर में निर्दोष को भेज दिया जेल

वाह री कानपुर देहात पुलिस, नाम के चक्कर में निर्दोष को भेज दिया जेल - kanpur dehat police send wrong person in jail
कानपुर देहात। उत्तर प्रदेश में पुलिस अलग-अलग तरह के कारनामे करके चर्चा में बनी रहती है।ऐसा ही एक कारनामा कानपुर देहात में उस समय देखने को मिला जब पुलिस ने एक मामले कुछ ऐसी सक्रिय हुई कि जेल किसी और को भेजना था और भेज किसी और को दिया। जब कानपुर देहात पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को निर्दोष को जेल भेजने के मामले की जानकारी हुई तो फिर क्या था जेल भेजने वाले पुलिसकर्मियों की जमकर फटकार लगाई और जेल के अंदर बंद निर्दोष को छुड़वाने के निर्देश दिए। जिसके बाद से पुलिस निर्दोष को जेल से बाहर लाने के लिए जुट गई है।
 
क्या था मामला - डेरापुर पुलिस ने क्षेत्र के रामशंकर की तहरीर पर डेरापुर निवासी इस्लाम, दाऊद व जब्बार के अलावा रूरा सराय के सहाबुद्दीन के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम का मामला दर्ज किया था। सभी आरोपी अदालत से जमानत पर छूट चुके हैं। मामले की सुनवाई एसीजेएम प्रथम मोहम्मद तौफीक रजा की अदालत में चल रही है। आरोपी सहाबुद्दीन, इस्लाम व दाऊद के अपराध स्वीकार करने पर अदालत ने उन्हें अर्थदंड से दंडित कर मामला खत्म कर दिया था।
 
आरोपी जब्बार जमानत पर छूटने के बाद से अदालत में हाजिर नहीं हुआ है।जिसके बाद अदालत ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट और फिर धारा 82 के तहत कुर्की का नोटिस जारी किया। इसके बाद भी आरोपी जब्बार ने खुद को कानून के हवाले नहीं किया। जिसके बाद अदालत ने पुलिस की जमकर फटकार लगाई।
 
जल्दबाजी में निर्दोष को भिजवा दिया जेल - कोर्ट की फटकार के बाद तेज की दिखाते हुए पुलिस ने बिना कुछ जाने समझे शंकर नगर निवासी सत्तार के बेटे जब्बार उम्र 80 वर्ष को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया। अदालत ने उसे जेल भेज दिया। जिसके बाद जब्बार के बेटे ने पुलिस अधिकारियों से मिलकर पिता को निर्दोष बताया कहा कि पिता पर आज तक एक भी मामला नहीं दर्ज है और ना ही वह कभी जेल गए।
 
जानकारी होने पर जब पूरे मामले की जांच कराई गई तो पता चला कि वल्दियत और नाम एक होने की वजह से पुलिस ने निर्दोष को कोर्ट में पेश कर जेल भिजवा दिया जबकि आज तक आरोपी खुलेआम घूम रहा है।जब पुलिस आला अधिकारियों को पुलिस की गलती का एहसास हुआ तो उन्होंने तत्काल निर्दोष को जेल से बाहर लाने के निर्देश दिए।
 
इसके बाद डेरापुर थाना प्रभारी गंगा सिंह तत्काल कोर्ट पहुंचे और निर्दोष जेल गए जब्बार की ओर से जमानत अर्जी अदालत में दाखिल की गई लेकिन अदालत के पीठासीन अधिकारी के अवकाश पर होने की वजह से जमानत नहीं हो पाई और अब निर्दोष सोमवार को ही जेल से रिहा हो पाएगा।
 
क्या बोले एएसपी - एएसपी कानपुर देहात घनश्याम चौरसिया ने बताया कि थाना डेरापुर के एनबीडब्ल्यू आरोपी जब्बार (80) को एक पुराने मामले में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। लेकिन मामला संज्ञान में आया कि वल्दियत व नाम एक होने की वजह से पुलिस के द्वारा निर्दोष जब्बार को जेल भेज दिया गया है। पूरे मामले से अदालत को अवगत करा दिया गया है जल्द ही निर्दोष को जेल से रिहा करवाया जाएगा। और जो भी दोषी है जांच के बाद उसके ऊपर भी कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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