अतुल सुभाष मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी चाचा की अर्जी पर सुनवाई कर दी अग्रिम जमानत
Atul Subhash suicide case : बेंगलुरु में कार्यरत इंजीनियर अतुल सुभाष ने सुसाइड किया और इस आत्मघाती कदम को उठाने के लिए पत्नी निकिता, सास, साले और चचिया ससुर को आरोपी बनाया। वहीं उन्होंने जान देने से पहले न्यायपालिका से जुड़े लोगों को भी कठघरे में खड़ा किया है। सुसाइड से पहले अतुल ने 24 पन्नों और 80 मिनट की वीडियो रिकॉर्डिंग छोड़ी थी, जिसके बाद बेंगलुरु पुलिस ने इंजीनियर की पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग को ढूंढते हुए गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी से बचने के लिए सुशील सिंघानिया की तरफ से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की गुहार लगाई गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की सिंगल बेंच ने इंजीनियर अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया के आरोपी चाचा सुशील सिंघानिया की अग्रिम (ट्रांजिट) जमानत अर्जी को मंजूर करते हुए 4 सप्ताह की सशर्त जमानत दी है।
अतुल के सुसाइड नोट और वीडियो के आधार पर मृतक की पत्नी समेत चारों आरोपियों के खिलाफ कर्नाटक के बेंगलुरु शहर के थाना मराठहल्ली में बीएनएस की धारा 108, 3(5) के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है। मुकदमा दर्ज होने के बाद बेंगलुरु पुलिस निकिता के जौनपुर घर भी गई थी, लेकिन वह लोग वहां से फरार हो गए।
रविवार की रात्रि में प्रयागराज से बेंगलुरु पुलिस निकिता की मां निशा, भाई अनुराग और निकिता को गुरुग्राम से गिरफ्तार कर लिया। इन तीनों की गिरफ्तारी के बाद सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने आरोपी चाचा की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए अग्रिम जमानत मंजूर कर ली है। वहीं कोर्ट को यह भी बताया गया है कि मृतक की पत्नी, सास और साले को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी चाचा सुशील सिंघानिया के वकील मनीष तिवारी और औशिम लूथरा ने अग्रिम जमानत के लिए अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनको अपना पक्ष बेंगलुरु कोर्ट में रखने के लिए समय दिया जाए। कोर्ट ने सशर्त ट्रांजिट जमानत 4 हफ्तों के लिए दे दी है।