मंगलवार, 19 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. district court to hear Gyanvapi case on 26 may
Written By
Last Modified: मंगलवार, 24 मई 2022 (16:03 IST)

ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई 26 मई को

Gyanvapi masjid
वाराणसी। ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी मामले में मुकदमे की पोषणीयता से संबंधित मामले पर सुनवाई के लिए वाराणसी जिला अदालत ने 26 मई की तारीख नियत की है।
 
शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि अदालत ने उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख मुकर्रर की है। उन्होंने बताया कि यह मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी।
 
सिंह ने बताया कि इसके साथ ही अदालत ने कमीशन की कार्यवाही पर आपत्ति दाखिल करने के लिए दोनों पक्षों को एक सप्ताह का समय दिया है।
 
मुस्लिम पक्ष के वकील अभय नाथ यादव ने बताया कि उन्होंने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उन्होंने अदालत में प्रार्थना पत्र देकर यह कहा है कि यह मुकदमा सुनने लायक नहीं है क्योंकि ज्ञानवापी प्रकरण की सुनवाई करना उपासना स्थल अधिनियम-1991 का उल्लंघन है।
 
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय की तीन सदस्यीय पीठ ने पिछली 20 मई को ज्ञानवापी मामले को वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने का आदेश दिया था। न्यायालय का कहना था कि चूंकि यह मामला अत्यंत संवेदनशील है इसीलिए कोई तजुर्बेकार न्यायिक अधिकारी इस मामले को सुने।
 
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पीएसएन नरसिम्हा और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पीठ ने कहा था कि यह मामला उच्चतम न्यायालय में जरूर है लेकिन पहले इसे वाराणसी की जिला अदालत में सुना जाए। उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिए थे कि जिला जज आठ हफ्ते में अपनी सुनवाई पूरी करें।
 
दिल्ली निवासी राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने पिछली 26 अप्रैल को ज्ञानवापी मस्जिद-श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कराए जाने का निर्देश दिया था। सर्वे का यह काम पिछली 16 मई को मुकम्मल हुआ था, जिसकी रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की गई थी।
 
हिंदू पक्ष ने सर्वे के अंतिम दिन ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाने में शिवलिंग मिलने का दावा किया था, जिसे मुस्लिम पक्ष ने नकारते हुए कहा था कि वह शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा है। (भाषा)
ये भी पढ़ें
2023 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को टूट का डर, राज्यसभा चुनाव में उलटफेर की संभावना