DigiYatra data कितना सुरक्षित, डिजी यात्रा डेटा को कौन करता है मैनेज, क्या Income Tax Department के पास है इसका एक्सेस, सामने आया सच
civil aviation ministry clarifies the income tax link to digi yatra app : : डिजी यात्रा एयरपोर्ट में आसानी से एंट्री लेने का एक एडवांस प्लेटफॉर्म है। चेहरे की पहचान तकनीक पर आधारित, डिजी यात्रा एयरपोर्ट पर अलग-अलग चेक पॉइंट्स पर पैसेंजर्स की कॉन्टैक्टलेस, निर्बाध आवाजाही प्रदान करती है। इसको लेकर खबर आई है कि सरकार इसके डेटा का प्रयोग टैक्स चोरी रोकने के लिए कर रही है। क्या एयरपोर्ट पर एंट्री के लिए डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले पैसेंजर्स का डाटा क्या टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर कर दिया जाता है? हालांकि इस पर मंत्रालय का बयान भी सामने आया है।
डिजी यात्रा डेटा को ये करते हैं मैनेज : डिजी यात्रा का प्रबंधन डिजी यात्रा फाउंडेशन द्वारा किया जाता है। डिजी यात्रा के शेयरधारक हैं भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई), कोचीन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (सीआईएएल), बैंगलोर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (बीआईएएल), दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल), हैदराबाद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एचआईएएल) और मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (एमआईएएल)।
कहां स्टोर होता है डेटा : डिजी यात्रा के लिए यात्री द्वारा शेयर किया गया डेटा एन्क्रिप्टेड फॉर्मेट में स्टोर किया जाता है। इस सर्विस का लाभ उठाने के लिए, पैसेंजर को आधार बेस्ड वेरिफिकेशन और खुद से कैप्चर फोटो का इस्तेमाल करके डिजी यात्रा ऐप पर अपना डिटेल दर्ज करना होता है। अगले फेज में, बोर्डिंग पास को स्कैन करना होगा और क्रेडेंशियल्स को एयरपोर्ट के साथ शेयर किया जाएगा।
सरकार ने खबरों का किया खंडन : पीटीआई की खबर के अनुसार नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि डिजी यात्रा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों का डेटा भारतीय टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर नहीं किया जाता है। इससे पहले दिन में, आयकर विभाग ने उन रिपोर्टों का खंडन किया कि डिजी यात्रा डेटा का उपयोग टैक्स चोरों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा।
24 घंटे के अंदर हट जाता है डेटा : मंत्रालय ने यह भी कहा कि एयरपोर्ट सिस्टम फ्लाइट डिपोर्चर के 24 घंटे के भीतर यात्री डेटा को ऑटोमैटिक तरीके से हटा देती है। आयकर विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट में उन रिपोर्टों का खंडन किया, जिसमें कहा गया था कि डिजी यात्रा डेटा का इस्तेमाल कर चोरों पर नकेल कसने के लिए किया जाएगा। इस संबंध में, यह स्पष्ट किया जाता है कि आयकर विभाग द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। फ्लाइट डिपार्चर के 24 घंटे के भीतर डाटा हटा दिए जाते हैं। साथ ही अगर कोई यूजर्स डिजी यात्रा ऐप को अनइन्स्टॉल करता है, तो डेटा पूरी तरह से हटा दिया जाता है।
मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि डिजी यात्रा यात्रियों के डेटा को भारतीय टैक्स अधिकारियों के साथ शेयर नहीं किया जाता है। पोस्ट में मंत्रालय ने लिखा कि -डिजी यात्रा ऐप स्व-संप्रभु पहचान (एसएसआई) मॉडल का पालन करता है, जहां व्यक्तिगत पहचान योग्य जानकारी (पीआईआई) और यात्रा क्रेडेंशियल्स को किसी केंद्रीय रिपोजिटरी पर नहीं, बल्कि यूजर्स के डिवाइस पर ही स्टोर किया जाता है। इनपुट एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma