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Written By अवनीश कुमार
Last Modified: मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017 (18:32 IST)

चौथे चरण में आपराधिक छविवालों का बोलबाला!

Uttar Pradesh assembly elections 2017
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के 2017 चुनाव के चौथे चरण में अब मात्र दो दिन बचे हैं और सभी पार्टियां चौथे चरण में 11 जिलों की 53 सीट पर होने वाले मतदान को अपने पक्ष में करने में जुटी हुई हैं, लेकिन अगर इन 53 सीट पर नजर डाले तो बहुत ही चौंकाने वाले आंकड़े निकलकर सामने आते हैं जहां एक तरफ समाजवादी पार्टी में आपराधिक छवि वालों को टिकट न देने को लेकर बवाल चला और वहीं भाजपा के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर आपराधिक छवि वालों पर शिकंजा कसने की बात करते रहे हैं और तो और साफ छवि की पार्टी बताने में बहुजन समाज पार्टी भी पीछे नहीं रहती है, लेकिन अगर 53 सीट के प्रत्याशियों पर नजर डालें तो समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ-साथ भाजपा व बहुजन समाज पार्टी है जिसने अपराधिक छवि रखने वाले लोगों को टिकट दी है। 
आप लोगों पर नजर डालने से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि अभी भी राजनैतिक दलों को आपराधिक छवि वालों पर ज्यादा विश्वास है की वही जिताऊ प्रत्याशी हैं। अगर हम चुनाव सुधार के लिए काम कर रही संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) की रिपोर्ट पर नजर डालें तो बहुत ही चौंकाने वाले नतीजे सामने आते हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक चौथे चरण में चुनाव मैदान में उतरे 680 उम्मीदवारों के शपथ-पत्रों के आधार पर जो रिपोर्ट तैयार की है, उसके मुताबिक 680 में से 116 ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। 
 
जिनमें से 14 प्रतिशत यानी कि 95 पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण व महिलाओं पर अत्याचार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। गंभीर आपराधिक मामले वाले उम्मीदवारों में चाहे भाजपा हो या फिर समाजवादी पार्टी गठबंधन और बहुजन समाज पार्टी इन सभी पार्टियों ने आम नागरिकों से ज्यादा अपराधिक छवि वालों पर इस चुनाव में विश्वास जताया है और तो और चौथे चरण में 11 जिलों के चुनाव में 21 संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां 3 उम्मीदवारों के ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। 
 
सबसे ज्यादा संवेदनशील चार चुनाव क्षेत्रों में तीन बुंदेलखंड के चित्रकूट, ललितपुर और हमीरपुर हैं। इस रिपोर्ट को देखने के बाद एक बात तो स्पष्ट हो गई है कि बातें करने को राजनीतिक पार्टियों कुछ भी करें। घोषाल कुछ भी करें लेकिन उन्हें ऐसा लगता है कि अगर सत्ता की चाबी पानी है तो इन आपराधिक छवि वाले लोगों का सहारा लेना पड़ेगा तभी जीत का परचम लहरा पाएंगे।