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Last Modified: गुरुवार, 23 फ़रवरी 2017 (15:57 IST)

उप्र विधानसभा चुनाव : जुबानी जंग में टूटा तहजीब का दायरा

उप्र विधानसभा चुनाव : जुबानी जंग में टूटा तहजीब का दायरा - UP assembly elections 201
लखनऊ। उत्तरप्रदेश विधानसभा के हाईवोल्टेज चुनाव के आगे बढ़ने के साथ-साथ राजनीतिक दलों के बीच परस्पर विरोधी बयानों की भाषा भी कई मौकों पर संस्कार से अछूती नजर आई।

 
आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव प्रचार की शुरुआत तो शालीनताभरी रही और राजनीतिक दलों ने विकास, भ्रष्टाचार, नोटबंदी और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया, लेकिन जल्द ही प्रचार के शोर में बदजुबानी भी घुलती गई और बात व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच गई।
अखबारों में सुर्खियां बटोरने की कोशिश में नेताओं ने एक-दूसरे को तरह-तरह की उपमाएं दीं और कई बार तो यह काम नाम लेकर भी किया गया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) मुखिया लालू प्रसाद यादव ने रायबरेली में अपनी जनसभा में प्रधानमंत्री मोदी की भाव-भंगिमाओं और हाथों की जुम्बिश को लेकर निहायत आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं। भाजपा ने उनके भाषण की सीडी चुनाव आयोग के पास भेजकर कार्रवाई की मांग की है।
 
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बसपा को 'बहनजी संपत्ति पार्टी' बताए जाने और बसपा प्रमुख मायावती द्वारा इसका बेहद गुस्से में जवाब दिए जाने को भी मर्यादा की सीमा लांघने जैसा माना गया। मायावती ने मोदी को 'नेगेटिव दलित मैन' करार देते वक्त ऐसे अल्फाज का इस्तेमाल किया, जो किसी प्रधानमंत्री के लिए प्रयोग नहीं किए जाते।
 
अपने प्रचार अभियान के दौरान प्रधानमंत्री मोदी पर लगातार हमले कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें 'शोले फिल्म का गब्बर सिंह' की संज्ञा तक दे डाली। (भाषा)
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