विकसित भारत का खाका पेश कर सकता बजट : रिपोर्ट
Nirmala Sitharaman : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) इस महीने पेश किए जाने वाले बजट में 2047 तक विकसित भारत के लिए खाका और राजकोषीय मजबूती के लिए मध्यम अवधि की योजना पेश कर सकती हैं। वैश्विक ब्रोकरेज कंपनी मॉर्गन स्टेनले ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि राजकोषीय सूझ-बूझ वाले रुख के साथ हमारा अनुमान है कि राजस्व व्यय के मुकाबले पूंजीगत खर्च पर जोर बना रहेगा। साथ ही भौतिक, सामाजिक और डिजिटल बुनियादी ढांचे तक पहुंच में सुधार के साथ लक्षित सामाजिक क्षेत्र पर ध्यान दिया जाएगा। सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्ण बजट पेश करेंगी।
ब्रोकरेज कंपनी ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा लक्ष्य जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के 5.1 प्रतिशत पर बना रहेगा। यह अंतरिम बजट में तय लक्ष्य के अनुरूप है। साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष तक इसे 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य पर कायम रहेगी। वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.6 प्रतिशत था।
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से अपेक्षा से अधिक लाभांश मिलने के साथ राजकोष के मोर्चे पर गुंजाइश बेहतर हुई है। इससे पूंजीगत व्यय की गति बनाए रखने और लक्षित कल्याणकारी उपायों पर खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी।
ब्रोकरेज कंपनी ने कहा कि इसके साथ कर और गैर-कर राजस्व बेहतर रहने की संभावना को देखते हुए राजकोषीय घाटा लक्ष्य थोड़ा कम यानी 5.1 प्रतिशत से कम हो सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, यह भी उम्मीद है कि बजट में 2047 तक विकसित भारत के लिए रूपरेखा पर विशेष रूप से ध्यान होगा। इसके अलावा, बजट में 2025-26 से आगे राजकोषीय मजबूती के लिए एक मध्यम अवधि की योजना होने का भी अनुमान है। भाषा