यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवतावादी समन्वयक माथियास श्माले ने रूसी सैन्य बलों द्वारा मिसाइल व लम्बी दूरी तक मार करने ड्रोन हमलों की एक और लहर की तीखी निन्दा की है और इन्हें तुरन्त रोके जाने की मांग की है। मंगलवार सुबह राजधानी कीव पर हुए हमलों में कम से कम आठ लोगों की जान गई है और चार बच्चों समेत 34 लोग घायल हुए हैं। पिछले 2 महीनों में यूक्रेन के विभिन्न क्षेत्रों और ऊर्जा प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर किया गया यह सातवां ऐसा हमला है।
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार, रूसी सैन्यबलों ने सोमवार-मंगलवार की रात में कम से कम 464 लम्बी दूरी के ड्रोन और 22 मिसाइलों से कीव शहर, ओडेसा और कीव क्षेत्र को समन्वित ढंग से निशाना बनाया। आयुध सामग्री व उनके अवशेष रिहायशी इमारतों, ऊर्जा संयंत्रों, बन्दरगाह केन्द्रों समेत अन्य नागरिक प्रतिष्ठानों पर आकर गिरे, जिनमें 40 से अधिक लोग हताहत हुए हैं। साथ ही, कुछ इलाक़ों में बिजली, जल आपूर्ति व तापन व्यवस्था ठप हो गई है।
यूक्रेन में मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए शीर्ष अधिकारी माथियास श्माले ने अपने एक ट्वीट सन्देश में कहा कि, अनवरत हमले यहां के लाखों लोगों के लिए लगभग एक दैनिक वास्तविकता बन गए हैं। इन हमलों की वजह से सर्दी के मौसम में पारा गिरने के साथ, बिजली की गम्भीर क़िल्लत हो रही है और आवास व इमारत को गर्म रखने की व्यवस्था दरक रही है।
उन्होंने क्षोभ जताया कि रूसी सेना द्वारा हाल ही में ड्निप्रो, ख़ारकीव, ओडेसा, स्लोविएंस्क और ज़ैपोरिझझिया को निशाना बनाया गया था और बीती रात कीव में अनेक रिहायशी इमारतों को निशाना बनाया गया, जिनमें अनेक निवासियों की जान गई है और अन्य घायल हुए हैं।
यूएन मानवतावादी समन्वयक ने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय मानवतावादी क़ानून, आम नागरिकों और बुनियादी प्रतिष्ठानों की रक्षा करता है। इन जघन्य तौर-तरीक़ों को रोका जाना होगा।
प्रियजन को खो देने का डर
यूक्रेन पर रूसी सेना ने फ़रवरी 2022 में पूर्ण स्तर पर सैन्य आक्रमण किया था, जिससे देश में एक विशाल मानवीय संकट उपजा है, लाखों लोग देश की सीमाओं व अन्य देशों में विस्थापित होने के लिए मजबूर हुए हैं और लगातार हमलों में आम लोग हताहत हो रहे हैं।
यूक्रेन में मानवाधिकारों की निगरानी के लिए यूएन मिशन ने बताया कि बड़ी संख्या में परिवारों ने एक और रात, हवाई हमलों से बचने के लिए गलियारों और आश्रय स्थलों में गुज़ारी। उनके घरों के बाहर घंटों तक धमाके होते रहे। यूएन मिशन की डैनियल बैल के अनुसार, जब भी आकाश में सैकड़ों ड्रोन व मिसाइल उड़ते हैं, यूक्रेन में लाखों लोग अपने प्रियजन को खो देने के भय की चपेट में आ जाते हैं।
वे जानते हैं कि किसी को भी नुक़सान पहुंच सकता है, भले ही वो कहीं भी रहता हो। यूक्रेन ने भी रूस के क्रस्नोडार और रोस्तोव क्षेत्रों में लम्बी दूरी तक मार करने वाले ड्रोन से हमले किए हैं, जिनमें आम नागरिकों के मारे जाने और घायल होने की ख़बरें हैं। यूक्रेन में मानवतावादी संगठन, वहां सिलसिलेवार हमलों से प्रभावित हुए लोगों तक ज़रूरी सहायता पहुंचा रहे हैं।
लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल
मानवाधिकार निगरानी मिशन ने बताया कि रूसी महासंघ ने वर्ष 2025 में, लम्बी दूरी के हथियारों के इस्तेमाल को बढ़ाया है। हाल के दिनों में किए गए अनेक हमलों में कुछ ही समय के भीतर 500 से अधिक मिसाइलों व लम्बी दूरी के ड्रोन दागे गए और अनेक बड़े शहरों व क्षेत्रों को निशाना बनाया गया।
ऐसे हमलों की गहनता बढ़ने की वजह से बड़े शहरों में हताहत होने वाले आम नागरिकों की संख्या भी बढ़ी है। पिछले वर्ष, जनवरी-अक्टूबर 2024 की अवधि में ऐसे हमलों में 434 लोगों की जान गई थी और 2,045 घायल हुए थे। इस वर्ष, इसी समय अन्तरा में तकों की संख्या 548 पर पहुंच गई है और 3,592 लोग घायल हुए हैं।
यूएन निगरानी मिशन प्रमुख ने सचेत किया कि आम लोगों की मौतों के साथ-साथ, घरों, इमारतों व सार्वजनिक ढांचे को क्षति पहुंच रही है और पुनर्निर्माण प्रक्रिया में वर्षों लग सकते हैं। उनके अनुसार, हर एक नए हमले से यूक्रेन के आम नागरिकों के लिए मनोवैज्ञानिक बोझ और गहरा हो जाता है।