चोट के बावजूद रिंग में उतरे, आंख के नीचे से बहा खून, एकतरफा हार में भी दिखी विकास की जांबाजी  
					
					
                                          सपना टूटा! ओलंपिक मेडल के लिए 1 साल से थे परिवार से दूर
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  टोक्यो: भारतीय मुक्केबाज विकास कृष्ण (69 किग्रा) को शनिवार को यहां ओलंपिक खेलों में अपने पहले मुकाबले में स्थानीय दावेदार सेवोनरेट्स क्विन्सी मेनसाह ओकाजावा के खिलाफ 0-5 की एकतरफा हार का सामना करना पड़ा जिससे इन खेलों में देश की नौ सदस्यीय टीम की शुरुआत निराशाजनक रही।
	 
				  																	
									  
	इस मुकाबले के दौरान 29 साल के विकास की आंख के पास से खून भी आने लगा। उनकी बायीं आंख के नीचे कट लगा। टीम सूत्रों का हालांकि कहना है कि विकास कंधे में हल्की चोट के बावजूद मुकाबले में उतरे।विकास शनिवार को चुनौती पेश करने वाले एकमात्र भारतीय मुक्केबाज थे।
				  
	 
	जापान के ओकाजावा ने शुरुआत से अंत तक मुकाबले में दबदबा बनाए रखा और उन्हें दो बार के ओलंपियन भारतीय मुक्केबाज के खिलाफ किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
				  						
						
																							
									  
	 
	घाना मूल के 25 वर्षीय मुक्केबाज ओकाजावा 2019 एशियाई चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता हैं और उन्होंने उसी साल विश्व चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी।
				  																													
								 
 
 
  
														
																		 							
																		
									  
	 
	ओकाजावा राउंड आफ 16 में तीसरे वरीय क्यूबा के रोनियल इग्लेसियास से भिड़ेंगे। इग्लेसियास 2012 ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता और पूर्व विश्व चैंपियन भी हैं।
				  																	
									  
	 
	रविवार को छह बार की विश्व चैंपियन एमसी मेरीकोम (51 किग्रा) और राष्ट्रमंडल खेलों के रजत पदक विजेता मनीष कौशिक पहले दौर के अपने मुकाबले खेलेंगे।
				  																	
									  
	 
	भारत के सबसे अनुभवी मुक्केबाजों में से एक विकास का पहले मैच में हारना भारतीय मुक्केबाजी दल के लिए एक झटके के समान है। दो बार के ओलंपियन थे विकास लेकिन अपने तीसरे ओलंपिक में यह मैच उनके लिए एक बुरे सपने जैसा रहा। एक ऐसा मुक्केबाज जो अपनी हर चाल के लिये रणनीति तैयार करता है और उन पर अमल भी करता है।
				  																	
									  
	 
	एक कुशल मुक्केबाज जिन्होंने इस बीच अपनी कुछ कमजोरियों को दूर किया है जिनमें रिंग में संतुलन और करीबी मुक्केबाजी शामिल हैं। इसके लिये उन्होंने कुछ बलिदान भी किया। यह 29 वर्षीय मुक्केबाज पिछले एक साल से अपने परिवार से दूर है लेकिन उनका एक ही लक्ष्य था ओलंपिक स्वर्ण पदक।(भाषा)