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Last Modified: मंगलवार, 28 जून 2022 (11:39 IST)

कावड़ यात्रा के नियम बहुत कठिन होते हैं, जानिए क्या है एक सच्चे कावड़िये की पहचान

कावड़ यात्रा के नियम बहुत कठिन होते हैं, जानिए क्या है एक सच्चे कावड़िये की पहचान - Rules of Kavad Yatra
Rules of Kavad Yatra: श्रावण या सावन मास लगने वाला है। इस माह में शिवभक्त कावड़ यात्रा निकालते हैं। कावड़ एक प्रकार का लकड़ी और रस्सी से बना तराजी होता है जिसमें जल से भरी मिट्टी की दो मटकी रखी होती है। उस जल को लेकर यात्री किसी शिव मंदिर या ज्यो‍तिर्लिंग तक यात्रा कहते हैं और उस जल से शिवजी का अभिषेक करते हैं। आओ जानते हैं कि क्या है कावड़ यात्रा करने के नियम।
 
 
1. भक्तिवश ही करें यात्रा : यदि आप कावड़ यात्रा में शामिल हो रहे हैं तो आपको यह जाना चाहिए कि क्यों शामिल हो रहे हैं? जिज्ञासावश, रोमांच के लिए या सच में ही आप शिवजी की भक्ति करना चाहते हैं? शिवभक्ती को छोड़कर और किसी कारण से आप कावड़ यात्रा कर रहे हैं तो महादेव का आशीर्वाद शायद ही आपको प्राप्त हो। 
 
2. कावड़ यात्रा के नियम जानकर तैयारी करें : कावड़ यात्रा के सख्‍त नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी है। अन्यथा यात्रा मान्य नहीं होती है। यात्रा में कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है अत: इसके लिए कावड़ियों को तैयार रहना चाहिए।
 
3. नशा न करें : कावड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का नशा करना वर्जित माना गया है। जैसे चरस, गांजा, शराब, सिगरेट, तंबाखू आदि। 
 
4. भोजन और जल : कावड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह का मांसहारी भोजन करने की मनाही है। यदि आप उपवास पर हैं तो रास्ते में मिलने वाले फलाहार को शुद्ध जानकर ही ग्रहण करें और शुद्ध जल ही ग्रहण करें।
 
5. भूमि पर न रखें कावड़ : कावड़ यात्रा के दौरान यदि कहीं पर रुकना हो तो कावड़ को भूमि पर या किसी चबूतरे पर नहीं रखते हैं। उसे किसी स्टैंड या पेड़ की डाली पर लटकाकर रखते हैं। लकड़ी के पाट पर भी रख सकते हैं। यदि भूलवश भी भूमि पर रख दिया तो फिर से कावड़ में जल भरना होता है।
 
6. कावड़ में हो नदी का ही जल : कावड़ में बहती हुई पवित्र नदी का जल ही भरा जाता है। यदि कोई कुंआ या कुंड शुद्ध जल का हो तो उससे भी जल लिया जा सकता है। तालाब का जल मान्य इसलिए नहीं है क्योंकि उसकी शुद्धता की गारंटी नहीं। आप बारिश का जल भी ले सकते हैं।
 
7. पैदल ही करें यात्रा : कावड़ यात्रा पैदल ही पूरी करना होती है। यात्रा प्रारंभ करने से पूर्ण होने तक का सफर पैदल ही तय किया जाता है। इसके पूर्व व पश्चात का सफर वाहन आदि से किया जा सकता है।
 
8. लंबी दूरी की यात्रा न करें : पहली बार यात्रा कर रहे हैं तो पहले वर्ष छोटी दूरी की यात्रा करते हैं फिर क्षमता अनुसार बड़ी दूरी की। 
 
9. जत्‍थे के साथ ही रहें : कावड़ियों को एक दूसरे की सुरक्षा का ध्‍यान रखते हुए लाइन बनाकर ही चलना चाहिए और जत्थे के साथ ही रहना चाहिए।
 
10. प्रमुख यात्रा : यात्रा की शुरुआत अपने शहर के करीब की किसी नदी से जल लेकर शहर या आसपास के प्रमुख शिवमंदिर तक की जाती है। 
 
11. प्रमुख कावड़ यात्रा मार्ग :
- नर्मदा से महाकाल तक।
- गंगाजी से नीलकंठ महादेव तक।
- गंगा से बैजनाथ धाम (बिहार) तक।
- गोदावरी से त्र्यम्बकेशवर तक।
- गंगाजी से केदारेश्वर तक।
- इन स्थानों के अतिरिक्त असंख्य यात्राएं स्थानीय स्तर से प्राचीन समय से की जाती रही हैं।
 
12. सेहत का रखें ध्यान : यात्रा के दौरान सेहत का ध्‍यान रखना जरूरी होता है अत: अपनी क्षमता अनुसार ही यात्रा में शामिल हों और खानपान पर विशेष ध्‍यान रखें। पीने के लिए शुद्ध जल का ही उपयोग करें। उचित जगह रुककर आराम भी करें।
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