सावन में दर्शन- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग
हिन्दूवर्ष के सावन महीने में शिव की पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। सावन का पवित्र महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस महीने में भगवान शिव की पूजा बड़े ही धूमधाम से की जाती है। उनके 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा करने का खास महत्व रहता है, जहां पूरे विधिविधा से पूजा की जाती हैं।
ज्योतिर्लिंग वे स्थान कहलाते हैं जहां पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए थे और वे वहां पर ज्योति रूप में विराजमान हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रणव ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से समस्त पाप भस्म हो जाते हैं। यह ज्योतिर्लिंग मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है। नर्मदा क्षेत्र में ओंकारेश्वर सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है। 'ओमकार' का उच्चारण सर्वप्रथम सृष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेदपाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। उसी ओमकार स्वरुप ज्योतिर्लिंग, श्री ओम्कारेश्वर है, अर्थात यहां भगवान शिवजी ओमकार स्वरूप में प्रकट हुए हैं।
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारें 10 खास बातें :
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार, यहां 68 तीर्थ स्थित हैं। यहां 33 करोड़ देवता परिवार सहित निवास करते हैं।
2. 12 ज्योतिर्लिंगों में ओंकारेश्वर का स्थान चौथा है।
3. यह ज्योतिर्लिंग नर्मदा नदी के उत्तर तट पर स्थित है।
4. इस ज्योतिर्लिंग को ममलेश्वर व अमलेश्वर भी कहते हैं।
5. मान्यता के अनुसार यमुना में 15 दिन का स्नान तथा गंगा में 7 दिन का स्नान जो फल प्रदान करता है, उतना पुण्यफल नर्मदा के दर्शन मात्र से प्राप्त हो जाता है।
6. जिस पर्वत पर यह ज्योतिर्लिंग स्थापित है वहां 'ऊँ' की आकृति दिखाई देती है। इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम ओंकारेश्वर हैं।
7. मान्यता है कि कोई भी तीर्थयात्री देश के भले ही सारे तीर्थ कर ले, किन्तु जब तक वह ओंकारेश्वर आकर किए गए तीर्थों का जल लाकर यहां नहीं चढ़ाता, उसके सारे तीर्थ अधूरे माने जाते हैं।
8. ऐसा भी माना जाता है कि भगवान शिव प्रतिदिन तीनों लोकों में भ्रमण के पश्चात यहां आकर विश्राम करते हैं।
9. यहां प्रतिदिन भगवान शिवजी की विशेष शयन व्यवस्था एवं आरती की जाती है और शयन दर्शन होते हैं।
10. लाइव दर्शन, लड्डू महाप्रसाद घर पहुंच सेवा, विशेष दर्शन टिकट, अभिषेक, आरती एवं नैवेद्य बुकिंग जैसे सभी लाभ श्री ओम्कारेश्वर मंदिर ट्रस्ट द्वारा आधिकारिक एंड्राइड एप "
Omkareshwar" पर उपलब्ध हैं।