गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक आलेख
  4. suryadev puja in sawan maas
Written By

सावन में कब, क्यों और कैसे करें सूर्योपासना, 10 काम की बातें

सावन में कब, क्यों और कैसे करें सूर्योपासना, 10 काम की बातें - suryadev puja in sawan maas
हमारे धार्मिक परंपरा में प्रतिदिन भगवान सूर्य देवता की उपासना करने तथा उन्हें जल का अर्घ्य देकर मंत्र जाप करने का महत्व माना गया है। इन दिनों सावन मास (Sawan 2022) चल रहा है और श्रावण के पूरे महीने भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना, आराधना की जाती है। मान्यतानुसार श्रावण के महीने में सूर्योपासना करने या सूर्य को जल चढ़ाने से जहां हमारे अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है, वहीं नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ती है। 
 
मान्यतानुसार सावन महीने के हर रविवार को पूरे मन से सूर्योपासना की जाए तो यह बेहद शुभ और कल्याणकारी माना गया है। आइए जानते हैं सावन मास में कैसे करें सूर्यदेव की उपासना- 
 
1. सावन में जब आप भोलेनाथ या शिवलिंग का अभिषेक कर रहे हैं तो अपने आराध्य सूर्यदेव का पूजन अवश्य करें। उन्हें तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें रोली, लाल चंदन, लाल कनेर के पुष्प, अक्षत और गुड़ डालकर अर्घ्य देने से सूर्यदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
 
2. अगर इन दिनों उदय हो रहे सूर्यदेव की आराधना की जाए तो ऐसा करना बेहद शुभ माना जाता है। 
 
3. इस दिन प्रात:काल सूर्योदय से पूर्व शुद्ध होकर स्नान करें। तत्पश्चात उदित होते सूर्य के समक्ष कुश का आसन लगाकर सूर्यदेव का स्मरण करते हुए सूर्य अर्घ्य दें। 
 
4. प्रात:काल के समय पूर्व दिशा में जैसे ही सूर्यागमन होने से पहले नारंगी किरणें प्रस्फूटित होती दिखाई दे रही हो, तभी दोनों हाथों से तांबे के पात्र को पकड़ कर जल इस तरह चढ़ाएं कि सूर्य जल चढ़ाती धार से दिखाई दें।
 
5. सूर्य को जल अर्घ्य हमेशा धीरे-धीरे चढ़ाएं ताकि जलधारा आपके आसन पर आकर गिरे, अगर यह जलधारा जमीन पर गिरती हैं तो आपको जल में समाहित सूर्य ऊर्जा का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। अत: इस बात का ध्यान अवश्‍य रखें कि यह सीधे भूमि पर न गिरें।
 
6. सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय मंत्र- 'ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजोराशे जगत्पते। अनुकंपये माम भक्त्या गृहणार्घ्यं दिवाकर:।।' को कम से कम 11 बार अवश्य पढ़ें। साथ ही मंत्र- 'ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय, सहस्त्रकिरणाय। मनोवांछित फलं देहि देहि स्वाहा:।।' का 3 बार उच्चारण करें।
 
7. सूर्य अर्घ्य के बाद सीधे हाथ की अंजूरी में जल लेकर अपने चारों ओर छिड़कें। तथा अपने स्थान पर ही 3 परिक्रमा करके आसन उठा लें तथा उस स्थान को नमन करें।
 
8. इसके अलावा सावन मास में सूर्यदेव को प्रसन्न करने के लिए शिव-पार्वती जी के पूजन के साथ मंत्र- 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' का अधिक से अधिक जाप करें। 
 
9. सावन के रविवार के दिन सूर्य अर्घ्य के समय सूर्य देव को तथा शिवलिंग पर लाल चंदन अवश्य चढ़ाएं, ऐसा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। 
 
10. इस दिन गुड़ का भोग लगाकर नीचे दिए गए सूर्य मंत्रों में से किसी भी एक मंत्र का सही उच्चारण करते हुए जाप करें।
 
मंत्र-
- ॐ सूर्याय नम:, 
- ॐ आदित्याय नम:, 
- ॐ घृ‍णिं सूर्य्य: आदित्य:,
- ॐ घृणि: सूर्यादित्योम,
- ॐ नमो भास्कराय नम:
- ॐ घृणि सूर्याय नम:, 
- ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय नमः। 
 
इस तरह सावन में भगवान शिव और सूर्योपासना करने से आपको जीवन में चारों तरफ से यश की प्राप्ति, सिद्धि तथा सफलता की प्राप्ति होगी।


Shravan maas 

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं  समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ें
थाली में क्यों नहीं रखते हैं 3 रोटियां, जानिए रसोई के नियम