रविवार, 22 सितम्बर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जय शनि देव
  4. Shani Remedies
Written By

शनिवार विशेष : शनि देव को प्रसन्न करने के 11 आसान उपाय

शनिवार विशेष : शनि देव को प्रसन्न करने के 11 आसान उपाय - Shani Remedies
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि न्याय के देवता हैं। वे सूर्य पुत्र एवं यमराज के भ्राता हैं। अपनी दशा साढ़ेसाती आदि में किए गए कर्म के भले या बुरे फल देते हैं। शनि महाराज की शांति या प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए किए जाने वाले उपायों के अलावा निम्नलिखित उपाय करने से अपने दु:ख दूर किए जा सकते हैं। 
 
शनिवार के दिन तथा शनि अमावस्या के अवसर पर इन उपायों को करने से कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होते हैं। यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत हैं ऐसे 11 सरल उपाय जो एकदम आसान होने के साथ ही शीघ्र फल देने वाले भी है। आइए जानें : - 
 
शनि महाराज को प्रसन्न करने के 11 सरल उपाय
 
(1) काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं। 
 
(2) काली गाय, जिस पर कोई दूसरा निशान न हो, का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें।
 
(3) काला सूरमा सुनसान स्थान में हाथभर गड्ढा खोदकर गाड़ दें।
 
(4) पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। समय प्रात:काल मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं तथा तेल का दीपक पश्चिम की ओर बत्ती कर लगाएं तथा 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए 1-1 दाना मीठी नुक्ती का प्रत्येक परिक्रमा पर 1 मंत्र तथा 1 दाना चढ़ाएं। पश्चात शनि देवता से कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
 
(5) काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें।
 
(6) बिच्छू, बूटी या शनि यंत्र धारण करें।
 
(7) पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, 8 मुट्ठी कोयला, 8 मुट्ठी जौ, 8 मुट्ठी काले चने, 9 कीलें काले नए कपड़े में बांधकर संध्या के पहले शुद्ध जल वाली नदी में अपने पर से 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व की ओर मुंह रखते हुए बहा दें।
 
(8)  काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाजे के ऊपर स्थापित करें। मुंह ऊपर की ओर खुला रखें। दुकान या फैक्टरी के द्वार पर लगाएं तो खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इन उपायों से आप अपने कष्ट दूर कर सकते हैं तथा शनि महाराज की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
 
(9) 800 ग्राम तिल तथा 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें। काले कपड़े, नीलम का दान करें। 
 
(10) हनुमान चालीसा पढ़ते हुए प्रत्येक चौपाई पर 1 परिक्रमा करें।
 
(11) कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें।

ये भी पढ़ें
संकष्टी चतुर्थी : इस चतुर्थी की 4 पौराणिक कथाएं