सोमवार, 14 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. जय शनि देव
  4. Shani Jayanti 2021

Shani Jayanti 2021 : लाल किताब के अनुसार शनिदेव को जानिए

Shani Jayanti 2021 : लाल किताब के अनुसार शनिदेव को जानिए - Shani Jayanti 2021
लाल किताब में शनि ग्रह की स्थिति और प्रभाव के संबंध में आम ज्योतिष से कुछ अलग ही उल्लेख मिलता है। प्रत्येक खाने के अनुसार ही शनि के प्रभाव को जानकर उससे मुक्त होने के उपाय बताए जाते हैं। 10 जून 2021 गुरुवार को ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनिदेवजी की जयंती है।
 
1. लाल किताब अनुसार सूर्य है राजा, बुध है मंत्री, मंगल है सेनापति, शनि है न्यायाधीश, राहु-केतु है प्रशासक, गुरु है अच्छे मार्ग का प्रदर्शक, चंद्र है माता और मन का प्रदर्शक, शुक्र है- पति के लिए पत्नी और पत्नी के लिए पति तथा वीर्य बल। 
 
2. जब समाज में कोई व्यक्ति अपराध करता है तो शनि के आदेश के तहत राहु और केतु उसे दंड देने के लिए सक्रिय हो जाते हैं। शनि की कोर्ट में दंड पहले दिया जाता है, बाद में मुकदमा इस बात के लिए चलता है कि आगे यदि इस व्यक्ति के चाल-चलन ठीक रहे तो दंड की अवधि बीतने के बाद इसे फिर से खुशहाल कर दिया जाए या नहीं।
 
3. आम प्रचलित ज्योतिष विद्या में शनि की कारक वस्तुएं लोहा, तेल, नीलम, काली वस्तुएं जैसे काले उड़द की दाल, काले तील, काली मिर्च आदि। परंतु लाल किताब में इसके अलावा कीकर, आक, खजूर का वृक्ष, जुराब, जूता, लुहार, तरखान, मोची, भैंसा, गीद्ध, मूर्ख, अंधे, मेहतर, अक्खड़, कारीगर ये सभी शनि के प्रतिनिधित्व करते हैं और दृष्टि, बाल, भवें, कनपटी पर इसका असर होता है। इसका गुण देखना, भालना, चालाकी, मौत, जादू मंत्र, बीमारी आदि हैं।
 
4. मंगल के साथ हो तो सर्वाधिक बलशाली माना जाता है। मकर और कुंभ का स्वामी शनि तुला में उच्च का और मेष में नीच का माना गया है। ग्यारहवां भाव पक्का घर।
 
5. जैसे कि शनिदेव को शनि ग्रह का स्वामी या देवता माना जाता है परंतु लाल किताब में इसके अलावा भैरव महाराज को भी शनि ग्रह का देवता माना जाता है।
 
6. लाल किताब के अनुसार शनि का उम्र के 36 से 42 वर्ष के बीच ज्यादा प्रभाव रहता है। इसी उम्र में यदि शनि का साथ मिलता है तो व्यक्ति की आगे की उम्र शांतिपूर्वक व्यतीत होती है।
 
7. सूर्य प्रकाश या कहें कि जीवन का दाता है लेकिन शनि को अंधकार के रूप में माना गया है। मतलब यह कि धरती पर, शरीर के भीतर जहां भी अंधकार है वह शनि है। हर इंसान को अंधकार से लड़ना ही होता है। अंधकार से जो लड़ता है वह प्रकाश को खोज लेता है। अंधकार से लड़ने की ताकत गुरु देता है।
 
8. शनि को पसंद नहीं है जुआ-सट्टा खेलना, शराब पीना, ब्याजखोरी करना, परस्त्री गमन करना, अप्राकृतिक रूप से संभोग करना, झूठी गवाही देना, निर्दोष लोगों को सताना, किसी के पीठ पीछे उसके खिलाफ कोई कार्य करना, चाचा-चाची, माता-पिता, सेवकों और गुरु का अपमान करना, ईश्वर के खिलाफ होना, दांतों को गंदा रखना, तहखाने की कैद हवा को मुक्त करना, भैंस या भैसों को मारना, सांप, कुत्ते और कौवों को सताना। शनि के मूल मंदिर जाने से पूर्व उक्त बातों पर प्रतिबंध लगाएं।
 
ये भी पढ़ें
Shani jayanti 2021 : शनिदेव को नाराज कर सकती हैं आपकी ये 10 बुरी आदतें