शनि जयंती और बड़ा मंगल एक ही दिन, इन उपायों से बजरंगबली और शनिदेव की कृपा से सब संकट होंगे दूर
bada mangal and Shani Jayanti 2025: जब दो महत्वपूर्ण पर्व एक ही दिन पड़ते हैं, तो उनकी धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है। इस बार कुछ ऐसा ही योग बन रहा है, जहाँ शनि जयंती और बड़ा मंगल (ज्येष्ठ मास का अंतिम मंगल) एक ही दिन पड़ रहे हैं। इस बार ज्येष्ठ माह का तीसरा बुढ़वा मंगल और शनि जयंती 27 मई को मनाई जाएगी। यह संयोग बहुत सालों बाद आया है। यह दुर्लभ संयोग भक्तों के लिए दोगुना फलदायी हो सकता है, क्योंकि इस दिन बजरंगबली और शनिदेव दोनों की कृपा प्राप्त करने का विशेष अवसर मिलेगा। वहीं इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में ग्रह दोष दूर होने के साथ सुख-शांति और अपार धन लाभ के अवसर प्राप्त होंगे।
शनि जयंती और बड़ा मंगल का अद्भुत संयोग
शनि जयंती भगवान शनिदेव के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है, जो न्याय और कर्मफल के देवता माने जाते हैं। वहीं, बड़ा मंगल ज्येष्ठ मास में आने वाले तीसरे मंगलवारों को कहा जाता है, जो भगवान हनुमान को समर्पित होते हैं। हनुमान जी को संकटमोचन और बल, बुद्धि, विद्या के दाता के रूप में पूजा जाता है। चूँकि हनुमान जी ने शनिदेव को रावण की कैद से मुक्त कराया था, इसलिए शनिदेव ने हनुमान भक्तों को कभी परेशान न करने का वचन दिया है। यही कारण है कि इन दोनों देवताओं का एक साथ पूजन विशेष फलदायी माना जाता है।
शनिदेव और बजरंगबली की कृपा पाने के अचूक उपाय
इस विशेष दिन पर किए गए कुछ सरल उपाय आपके जीवन से संकटों को दूर कर सकते हैं और सुख-समृद्धि ला सकते हैं:
1. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ: शनि जयंती और बड़ा मंगल के इस पवित्र अवसर पर हनुमान चालीसा का 11 बार पाठ करना अत्यंत शुभ माना जाता है। यदि संभव हो तो सुंदरकांड का पाठ भी करें। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या के नकारात्मक प्रभाव कम होते हैं और बजरंगबली की कृपा से सभी कष्ट दूर होते हैं।
2. शनिदेव को तेल और हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं: इस दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। साथ ही, हनुमान जी को चमेली के तेल के साथ सिंदूर का लेप लगाएं। शनिदेव को काले तिल और उड़द दाल भी चढ़ाई जा सकती है। इससे दोनों देवता प्रसन्न होते हैं।
3. दान का विशेष महत्व: यह दिन दान-पुण्य के लिए बहुत उत्तम है। गरीबों और जरूरतमंदों को काले कपड़े, जूते, तिल, उड़द दाल, तेल आदि का दान करें। हनुमान जी के लिए बूंदी के लड्डू या गुड़-चना का दान करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और हनुमान जी की कृपा से आर्थिक स्थिति सुधरती है।
4. पीपल के पेड़ की पूजा: शनिदेव को पीपल का पेड़ अत्यंत प्रिय है। इस दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और 'ॐ शं शनैश्चराय नमः' मंत्र का जाप करें। साथ ही, पीपल की सात परिक्रमा भी करें।
5. शमी के पेड़ की पूजा: शनिदेव को शमी का पेड़ भी बहुत प्रिय है। इस दिन शमी के पेड़ की पूजा करें और उसमें जल चढ़ाएं। माना जाता है कि ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है।
6. हनुमान जी को चोला चढ़ाएं: यदि संभव हो तो इस दिन हनुमान मंदिर में जाकर बजरंगबली को चोला चढ़ाएं। यह बहुत शुभ माना जाता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
संकटों से मुक्ति और सकारात्मक ऊर्जा का संचार
इस दुर्लभ संयोग पर श्रद्धा और भक्ति के साथ किए गए ये उपाय न केवल शनिदेव और हनुमान जी की कृपा दिलाते हैं, बल्कि आपके जीवन से नकारात्मकता को भी दूर करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन उपायों से कुंडली में मौजूद शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है और हनुमान जी की शक्ति से सभी प्रकार के भय और बाधाएं दूर होती हैं। यह दिन उन सभी के लिए विशेष है जो शनि की पीड़ा से जूझ रहे हैं या जीवन में किसी भी प्रकार के संकट का सामना कर रहे हैं। इस शुभ अवसर का लाभ उठाएं और इन उपायों को अपनाकर बजरंगबली और शनिदेव दोनों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
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