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शुक्र नीति के अनुसार इन 4 लोगों से दूरी बनाकर रखें वर्ना पछताएंगे

guru shukracharya
भारत में कई नीतिकार हुए हैं, जिन्होंने भारत के धर्म और राज्य को एक दिशा दी है। उन्हीं नीतिकारों में से एक प्रसिद्ध नीतिकार हैं शुक्राचार्य। ऋषि भृगु के पुत्र और दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य की शुक्र नीति आज भी प्रासंगिक मानी जाती है। पहले हमने आपको शुक्र नीति के अनुसार बताया था कि शुक्रनीति के अनुसार 9 बातों को गुप्त रखना चाहिए और अब जानिए कि 4 ऐसे लोग हैं जिनसे दूरी बनाकर रखना चाहिए।
 
 
नौ बातें रखें गुप्त : 
शुक्र नीति के इस श्लोक के अर्थ का विस्तार पढ़कर आप चौंक जाएंगे।
1.श्लोक : आयुर्वित्तं गृहच्छिद्रं मंत्रमैथुनभेषजम्।
दानमानापमानं च नवैतानि सुगोपयेतू।।
 
अर्थात व्यक्ति को अपनी आयु, ग्रह और गृह के दोष, मंत्र, मैथुन, धन, औषधि, दान, मान सम्मान, अपमान और अपनी अयोग्यता को छुपाकर रखना चाहिए अन्यथा नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी तरह निम्मिलिखित श्लोक में शुक्राचाया कहते हैं... 
 
चार लोगों से रखें दूरी : 
श्लोक-
अनृतात् पारदार्याच्च तथाभक्ष्यस्य भक्षणात्।
अगोत्रधर्माचरणात् क्षिप्रं नश्यति वै कुलम्।।
अर्थता पराई स्त्री से संबंध, परंपराओं के खिलाफ काम करना, मांसाहार के लिए जीवों को मारना और झूठ बोलना। ये काम हमें विनाश की ओर ले जाते हैं। यह कार्य करने वाले लोगों से दूर ही रखें तो बेहतर होगा वर्ना आप जिंदगी भर पछताएंगे।
 
1. असत्य बोलना : असत्य का सामान्य अर्थ है झूठ बोलना। कई लोगों की निष्प्रयोजन ही झूठ बोलने की आदत रहती है। ऐसे लोगों पर कोई विश्वास नहीं करता है और उसकी प्रतिष्ठा भी गिरती जाती है। ऐसे लोगों के साथ रहने से आपके जीवन पर भी प्रभाव पड़ेगा। ऐसे लोगों के साथ नहीं रहना चाहिए क्योंकि झूठ बोलना यह विनाश का रास्ता है।
 
2. परिवार की परंपराओं के विरुद्ध काम करना : कई लोग अपने कुटुम्ब, परिवार या समाज की परंपरा के विरुद्ध कार्य करते हैं। जैसे आजकल लिव इन रिलेशनशिप जैसी बुराई चल पड़ी है। इसी तरह के कई बातें हैं जो परंपराओं के विरुद्ध है। खासकर हमें अपने परिवार की परंपराओं का पालन करना जरूरी है। घर के बड़ों का मान-सम्मान जरूरी है। जो लोग परंपराके विरुद्ध जाते हैं वे कुलहंता बनते हैं या कहे कि कुल के विनाश का कारण बनते हैं। ऐसे लोगों से भी दूर रहना जरूरी है अन्यथा आप पर भी संगत का असर तो होगा ही।
 
3. पराई स्त्री से संबंध बनाना : कलयुग में तो लोग महापापी हो चले हैं। एक जमाना था जबकि लोग मांगभरी महिला को देखकर उनके भीतर मान सम्मान का भाव पैदा होता था। अब तो सभी लड़की, महिला और यहां तक की बच्चियों पर भी बुरी नजर डालने लगे हैं। जो भी मनुष्य किसी अन्य स्त्री के साथ संबंध बनाता है या इसके बारे में सोचता है, उसे राक्षस प्रवृत्ति का माना जाता है और ऐसे मनुष्य को नरक में कई तरह की यातनाएं झेलनी पड़ती हैं। यह पाप कर्म किसी भी परिवार का नाश कर सकता है, इसलिए इससे बचना चाहिए और ऐसे लोगों से दूर ही रहना चाहिए।
 
4. मांसाहारी होना : आधी से ज्यादा दुनिया मांसाहारी है। जीव हत्या करना पाप है या पुण्य इस पर बहस होती रहती है, परंतु सच तो यह है कि यह पाप ही है। क्योंकि मनुष्य मांसाहार के लिए नहीं बना है। ऐसा करने वाले मनुष्य पर भगवान अप्रसन्न रहते हैं और उसी उसकी पूजा-अर्चना का भी फल नहीं मिलता। ऐसे लोगों को हर समय किसी न किसी तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है। शुक्रनीति के अनुसार, ये आदत किसी भी परिवार का नाश कर सकती है, इसलिए इससे दूर रहना चाहिए।
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