Narmada river facts: नर्मदा नदी को भारत में सबसे प्राचीन नदियों में से एक और सात पवित्र नदियों में से एक माना जाता है। नर्मदा नदी मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवन रेखा है, परंतु इसका अधिकतर भाग मध्यप्रदेश में ही बहता है। अमरकंटक से निकलकर ये गुजरात के आओ जानते हैं नर्मदा नदी के बारे में 14 रोचक तथ्य।
1. विपरीत दिशा में बहती नर्मदा : देश की सभी नदियों की अपेक्षा नर्मदा विपरीत दिशा में बहती है।
2. नर्मदा का उद्गम स्थल : अमरकंटक में कोटितार्थ मां नर्मदा का उद्गम स्थल है। यहां सफेद रंग के लगभग 34 मंदिर हैं। यहां नर्मदा उद्गम कुंड है, जहां से नर्मदा नदी का उद्गम है जहां से नर्मदा प्रवाहमान होती है।
3. नेमावर में है नाभि स्थल : नर्मदापुरम से आगे बहते हुए यह नदी नेमावर में बहती है। नेमावर नगर में नर्मदा नदी का नाभि स्थल है।
4. नर्मदा का विलय स्थल : नेमावर के आगे ओंकारेश्वर होते हुए ये नदी गुजरात में प्रवेश करके खम्भात की खाड़ी में इसका विलय हो जाता है।
5. कितनी लंबी है यह नदी : नर्मदा जी की यह यात्रा लगभग 1,312 किलोमीटर की है। इस बीच नर्मदा विन्ध्य और सतपुड़ा के पहाड़ और जंगल सभी को पार करते हुए जाती है।
6. नर्मदा की सहायक नदियां : नर्मदा नदी की कुल 41 सहायक नदियां हैं। उत्तरी तट से 19 और दक्षिणी तट से 22 नदियां हैं। नर्मदा की 8 सहायक नदियां 125 किलोमीटर से लंबी हैं। जैसे- हिरन 188, बंजर 183 और बुढ़नेर 177 किलोमीटर।
7. नर्मदा का बेसिन : नर्मदा बेसिन का जलग्रहण क्षेत्र एक लाख वर्ग किलोमीटर है। यह देश के भौगोलिक क्षेत्रफल का तीन और मध्य प्रदेश के क्षेत्रफल का 28 प्रतिशत है।
8. नर्मदा के वॉटरफाल : नर्मदा एक पहाड़ी नदी होने के कारण कई स्थानों पर इसकी धारा बहुत ऊंचाई से गिरती है। यही कारण है कि इस नदी की यात्रा में कई जलप्रपात देखने को मिलते हैं जिसमें अनूपपूर में कपिल धारा एवं दुग्ध धारा जलप्रपात, भेड़ाघाट, जबलपुर में धुआंधार जलप्रपात, महेश्वर में सहस्रधारा जलप्रपात, दर्धी जलप्रपात, मानधाता जलप्रपात आदि।
9. मीठे पानी का मगरमच्छ : नर्मदा के जल का राजा है मगरमच्छ जिसके बारे में कहा जाता है कि धरती पर उसका अस्तित्व 25 करोड़ साल पुराना है। यह मीठे पानी का मगरमच्छ दुनिया के अन्य मगरमच्छों से एकदम अलग है।
10. नर्मदा तट के शहर : नर्मदा नदी के तट पर अमरकंटक, जबलपुर, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम, निमाड़, मंडला, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर, महेश्वर, बड़वानी, झाबुआ, धार, बड़वाह, सांडिया, बालकेश्वर, बिमलेश्वर, कोटेश्वर, धर्मराय, कातरखेड़ा, शूलपाड़ी की झाड़ी, हस्तीसंगम, छापेश्वर, गरुड़ेश्वर, चंदोद, भरूच इत्यादि नगर बसे हुए हैं।
11. प्राचीन सभ्यता का स्थल : पुरातत्व विभाग अनुसार नर्मदा के तट के कई इलाकों में प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष पाएं गए है। नर्मदा घाटी में डायनासोर के अंडे भी पाए गए हैं और यहां कई विशालकाय प्रजातियों के कंकाल भी मिले हैं। संपादक एवं प्रकाशक डॉ. शशिकांत भट्ट की पुस्तक 'नर्मदा वैली : कल्चर एंड सिविलाइजेशन' नर्मदा घाटी की सभ्यता के बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है।
12. नर्मदा के बांध : नर्मदा नदी पर खंडवा में इंदिरा सरोवर , नवेगांव में सरदार सरोवर, महेश्वर में महेश्वर परियोजना, बरगी जबलपुर में बरगी परियोजना, ओंकारेश्वर में ओमकरेश्वर परियोजना बांध निर्मित हैं।
13. पाताल की नदी : भारतीय पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी को पाताल की नदी माना जाता है। यह भी जनश्रुति प्रचलित है कि नर्मदा के जल को बांधने के प्रयास किया गया तो भविष्य में प्रलय होगी। इसका जल पाताल में समाकर धरती को भूकंपों से पाट देगा।
14. नर्मदा परिक्रमा : यदि अच्छे से नर्मदाजी की परिक्रमा की जाए तो नर्मदाजी की परिक्रमा 3 वर्ष 3 माह और 13 दिनों में पूर्ण होती है, परंतु कुछ लोग इसे 108 दिनों में भी पूरी करते हैं। परिक्रमावासी लगभग 1,312 किलोमीटर के दोनों तटों पर निरंतर पैदल चलते हुए परिक्रमा करते हैं।