हनुमानजी ने यहां पर अपने पैरों तले कुचला था शनिदेव को
हनुमानजी के देशभर में हजारों मंदिर है उनमें से सैंकड़ों सिद्ध मंदिर है। शनिदेव और हनुमानजी से जुड़े मंदिर भी सैंकड़ों होंगे, उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर हरै गुजरात क सारंगपुर स्थित कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज का मंदिर। आओ जानते हैं इस संबंध में संक्षिप्त जानकारी।
कष्टभंजन हनुमान दादा महाराज मंदिर, सारंगपुर (गुजरात) :
1. गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन महाराजाधिराज हनुमान यहां हनुमान दादा के नाम से पुकारे जाते हैं। अहमदाबाद-भावनगर रेलवे लाइन पर स्थित बोटाद जंक्शन से सारंगपुर लगभग 12 मील दूर है। अहमदाबाद से भावनगर की ओर जाते हुए करीब 175 किलोमीटर की दूरी पर कष्टभंजन हनुमान का यह दिव्य धाम है।
2. सोने के सिंहासन पर विराजमान हनुमान दादा की यहां स्थित मूर्ति के चरणों में शनि महाराज विराजमान हैं।
3. कहा जाता है कि एक समय था, जब शनिदेव का पूरे राज्य पर आतंक था। आखिरकार भक्तों ने अपनी फरियाद बजरंग बली से की। भक्तों की बातें सुनकर हनुमानजी शनिदेव को मारने के लिए उनके पीछे पड़ गए।
4. अब शनिदेव के पास जान बचाने का आखिरी विकल्प बाकी था, सो उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमानजी बाल ब्रह्मचारी हैं और वे किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठाएंगे।
5. लेकिन कहते हैं कि भगवान राम के आदेश से उन्होंने स्त्री-स्वरूप शनिदेव को अपने पैरों तले कुचल दिया और गांव को शनिदेव के अत्याचार से मुक्ति कराया।
6. हनुमानजी के इस दर पर आकर भक्तों का हर दुख, उनकी हर तकलीफ का इलाज हो जाता है, फिर चाहे बात बुरी नजर हो, भूत पीड़ा या शनिपीड़ा हो या कोई और समस्या हो सभी से मुक्ति मिल जाती है।