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सिर्फ पुरुषोत्तम मास में ही यह एकादशी आती है, जानिए परमा एकादशी कब है, क्या है पूजा विधि?

सिर्फ पुरुषोत्तम मास में ही यह एकादशी आती है, जानिए परमा एकादशी कब है, क्या है पूजा विधि? - Parma Ekadashi Vrat and Pooja Vidhi
Parma Ekadashi 2023 : परमा एकादशी का व्रत रखना बहुत ही सौभाग्य की बात है क्योंकि यह एकादशी हर वर्ष नहीं आती है। पुरुषोत्तम मास में ही यह एकादशी आती है। पुरुषोत्तम मास को अधिकमास भी कहते हैं। इस बार श्रावण मास के अंतर्गत ही अधिकमास लगने वाला है जिसके कारण श्रावण मास 2 माह को हो जाएगा। श्रावण मास की 2 एकादशियों के साथ ही अधिकमास की अन्य 2 एकादशी भी रहेगी।
 
पुरुषोत्तम मास की एकादशियों के नाम : पहली पद्मिनी एकादशी और दूसरी परमा एकादशी। परमा को पुरुषोत्तमी एकादशी भी कहते हैं। पद्मिनी एकादशी का व्रत सभी तरह की मनोकामनाओं को पूर्ण करता है, साथ ही यह पुत्र, कीर्ति और मोक्ष देने वाला है। जबकि परमा एकादशी का व्रत धन-वैभव देती है तथा पापों का नाश कर उत्तम गति भी प्रदान करने वाली होती है।
 
श्रावण मास में पहली कामिनी एकादशी 13 जुलाई को थी, दूसरी कमला यानी पद्मिनी एकादशी 29 जुलाई को थी, तीसरी कमला एकादशी 12 अगस्त को रहेगी। इसके बाद 27 अगस्त को पुत्रदा एकादशी रहेगी।
 
परमा एकादशी :- 12 अगस्त वाली एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जाना जाता है क्योंकि वह पुरुषोत्तम मास की है। यह एकादशी परम दुर्लभ सिद्धियों की दाता है इसीलिए इसे परमा कहते हैं। यह धन, सुख और ऐश्वर्य की दाता है। इस एकादशी में स्वर्ण दान, विद्या दान, अन्न दान, भूमि दान और गौदान करना चाहिए।
 
परमा एकाददशी व्रत का नियम :- 
  1. इस एकादशी को कठित व्रत रखा जाता है।
  2. इस व्रत में 5 दिनों तक यानी पंचरात्रि उपवास करते हैं।
  3. इसमें रात्रि में एकादशी सेअमावस्या तक जल का त्याग कर दिया जाता है। 
  4. केवल भगवत चरणामृत लिया जाता है। 
  5. इस पंचरात्र का पुण्य लाभ अपार है और फल भी अपार है।
 
परमा एकादशी की पूजा विधि :-
  • प्रात: स्नान करके भगवान विष्णु के समक्ष जल लेकर व्रत का संकल्प लें।
  • इसके बाद श्रीहरि विष्णु का पंचोपचार विधि से पूजन करें।
  • पूजन के बाद नैवेद्य अर्पित करें।
  • नैवेद्य के बाद आरती उतारें।
  • पारण के बाद ही नियमानुसार अन्न ग्रहण करें।
  • अन्न ग्रहण के पूर्व दान-दक्षिणा दें।