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जानिए नवरात्रि के पवित्र एवं आध्यात्मिक प्रतीक

जानिए नवरात्रि के पवित्र एवं आध्यात्मिक प्रतीक - Navratri Festival
- संजय लोढ़ा जैन

नवरात्रि पूजन की आध्यात्मिक वस्तुएं, जो देंगी मनोवांछित फल 
 


 
नवरात्रि का पर्व, नौ दुर्गाओं की उपासना का पर्व, आध्यात्म की गंगा में बहने का पर्व है 'नवरात्रि'। इस शक्ति पर्व के दौरान की गई मनोवांछित फल प्राप्ति साधनाएं, मानव सेवा के प्रति आपका समर्पण, शुद्ध वाणी का प्रयोग, वर्ष भर आपको शक्ति और सफलता के पथ पर आगे बढ़ाता है।
 
नवरात्रि के समय कुछ विशिष्ट आध्यात्मिक वस्तुओं का पूर्ण शुद्धता के साथ किया उचित प्रयोग आपको सफलता, धनागम एवं समृद्धि अवश्य प्रदान करता है।
 
 



दक्षिणावर्ती शंख - नवरात्रि पर्व में इसका प्रयोग दरिद्रता का नाश करता है। इसमें शुद्ध जल भरकर छिड़कने से दुर्भाग्य, अभिचार और ग्रहों के दुष्प्रभाव दूर होते हैं तथा घर में लक्ष्मी का स्थायी वास होता है। इसे शयन कक्ष में रखने से आपसी प्रेम में वृद्धि होती है।
 
तंत्रोक्त नारियल - माता को प्रमाण कर लाल आसन पर इसे विराजमान करे एवं इसे साक्षात लक्ष्मी-विष्णु का स्वरूप मानकर पूजा करें, धन-धान्य, यश कीर्ति प्राप्त होती है।
 
 


चक्रीय शालिग्राम - प्राकृतिक रूप से बने हुए मूलतः चक्रीय शालिग्राम नेपाल से प्राप्त होते हैं। नवरात्रि में इन्हें अपने पूजा स्थान पर रखना, कैश बाक्स आदि स्थानों पर रखकर पूजा करना धन वृद्धि एवं स्थिरता का परिचायक है। यह भगवान विष्णु के प्रतीक है।
 
इंद्रजाल - यह एक समुद्री पौधा है। इसमें बहुत चमत्कारी गुण होते हैं। जिस घर में इंद्रजाल होता है वहाँ भूत-प्रेत आदि प्रभाव नहीं होता एवं धन लक्ष्मी की वृद्धि होती है।
 
गोमती चक्र - पर्व के दौरान इसे धारण किया जाए अथवा इसे सदैव अपने साथ रखा जाए तो यह असाध्य रोगों को दूर कर सकता है। अभिमंत्रित करना आवश्यक है।
 
ध्यान रहें कोई भी आध्यात्मिक वस्तु बिना पूजा, बिना अभिमंत्रित किए किसी साधारण वस्तु के ही समान होती है।