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Chaturmas 2021: श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक माह को क्यों कहते हैं चातुर्मास

Chaturmas 2021: श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक माह को क्यों कहते हैं चातुर्मास - Meaning of Chaturmas
हिन्दू धर्म में चातुर्मास का बहुत महत्व है। इस चातुर्मास में आषाढ़ माह के 15 और फिर श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन माह के बाद कार्तिक माह के 15 दिन जुड़कर कुल चार माह का समय पूर्ण होता है। उक्त माह को क्यों कहते हैं चातुर्मास? आओ जानते हैं।
 
 
1. चार माह का महत्व होने से इसे चातुर्मास कहते हैं। श्रावण, भाद्रपद, आश्‍विन और कार्तिक माह। इसका शाब्दिक अर्थ चार माह है।
 
2. इन चातुर्मास से ही वर्षा ऋतु का प्रारंभ हो जाता है इसलिए भी इन चातुर्मास का महत्व है। इन चार महीनों में ऋतु परिवर्तन भी होता है। वर्ष में 6 ऋतुएं होती हैं- 1. शीत-शरद, 2. बसंत, 3. हेमंत, 4. ग्रीष्म, 5. वर्षा और 6. शिशिर। वसंत से नववर्ष की शुरुआत होती है। वसंत ऋतु चैत्र और वैशाख माह अर्थात मार्च-अप्रैल में, ग्रीष्म ऋतु ज्येष्ठ और आषाढ़ माह अर्थात मई जून में, वर्षा ऋतु श्रावण और भाद्रपद अर्थात जुलाई से सितम्बर, शरद ऋतु अश्‍विन और कार्तिक माह अर्थात अक्टूबर से नवम्बर, हेमन्त ऋतु मार्गशीर्ष और पौष माह अर्थात दिसंबर से 15 जनवरी तक और शिशिर ऋतु माघ और फाल्गुन माह अर्थात 16 जनवरी से फरवरी अंत तक रहती है।
 
3. चातुरर्मास का प्रारंभ आषाढ़ी शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक रहता है। चातुर्मास की शुरुआत का दिन देवशयनी एकादशी कहा जाता है तो अंत का दिन 'देवोत्थान एकादशी' कहते हैं।
 
4. आषाढ़, श्रावण और भाद्रपद 'वर्षा ऋतु' के मास हैं। वर्षा नया जीवन लेकर आती है। मोर के पांव में नृत्य बंध जाता है। संपूर्ण श्रावण माह में उपवास रखा जाता है। इस ऋतु के तीज, शिवरात्रि, सावन सोमवार, नागपंचमी, हरियाली तीज, रक्षाबंधन और कृष्ण जन्माष्टमी सबसे बड़े त्योहार हैं।