लखनऊ। कुख्यात अपराधी विकास दुबे के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने के बाद उसकी पत्नी, बेटा और नौकरानी लखनऊ आ गए हैं। पुलिस विभाग के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि कानपुर में शुक्रवार को दुबे के अंतिम संस्कार के बाद उसकी पत्नी,बेटा और नौकरानी लखनऊ आ गए है।
कृष्णानगर के एक पुलिस अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की कि विकास दुबे की पत्नी, बेटा और नौकरानी शुक्रवार रात ही लखनऊ वापस आ गए थे। कानपुर जेल के अधीक्षक आरके जायसवाल ने बताया कि न तो रिचा दुबे और न ही उनकी नौकरानी को कानपुर की जिला जेल या चौबेपुर में कोविड-19 के कारण बनी अस्थाई जेल में लाया गया था।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने शनिवार को बताया कि लखनऊ से लाने के बाद एसटीएफ ने इन तीनों को कानपुर के महिला पुलिस थाने में रखा और गुरुवार और शुक्रवार की रात इन दोनों से पूछताछ की। उत्तर प्रदेश पुलिस और (विशेष कार्यबल)एसटीएफ ने पांच घंटे से ज्यादा इन दोनों से पूछताछ की।
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे, उसके बेटे और उसकी नौकरानी को कुख्यात अपराधी को पनाह देने और उसके गुनाहों में शामिल होने के आरोप में गुरुवार शाम लखनऊ के कृष्णानगर स्थित घर से एसटीएफ की टीम पूछताछ के लिए कानपुर ले गई थी, जहां बाद में इन सभी को छोड़ दिया गया था।
शुक्रवार को कानपुर के भैरोघाट पर विकास दुबे के अंतिम संस्कार के वक्त उसकी पत्नी रिचा ने मीडियाकर्मियों से काफी नाराजगी में बात की। उसने एक सवाल पर कहा हां, हां, हां, विकास ने गलत किया था और उसके साथ यही होना था। रिचा ने दुबे का अंतिम संस्कार कवर करने आए मीडियाकर्मियों पर भी गुस्सा उतारा था और उन्हें वहां से चले जाने को कहा था। उसने दुबे की मुठभेड़ में मौत के लिए मीडिया को जिम्मेदार बताया था।
अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव ने बताया था कि दुबे के रिश्तेदार दिनेश तिवारी ने उसके शव का अंतिम संस्कार कराया। यह वही दिनेश है जिसे पुलिस ने पिछले हफ्ते कानपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के फौरन बाद पूछताछ के लिए हिरासत में लिया था।
इस बीच, विकास के बिकरू गांव में त्वरित कार्रवाई बल को तैनात कर दिया गया है। एक पुलिस जीप गांव में देखी गई, जिसमें बैठे पुलिसकर्मी गांववालों से कह रहे थे कि अगर उनके पास पुलिस मुठभेड़ के दौरान छीने गए हथियारों के बारे में कोई जानकारी हो तो वह उसके बारे में जानकारी दें। दो और तीन जुलाई की मुठभेड़ के दौरान अभियुक्तों ने पुलिस के हथियार भी छीन लिए थे। गांववालों से चौबीस घंटे के अंदर जानकारी देने को कहा गया है।
पिछले शनिवार को गांव में जमींदोज किए जा चुके दुबे के घर के आसपास करीब 60 पुलिसकर्मियों का कड़ा पहरा है। उनमें से ज्यादातर एक नीम के पेड़ के नीचे चारपाई डालकर बैठे हैं। यह पुलिसकर्मी यहां पाली में बारी-बारी से तैनात हो रहे हैं और वहां आने वाले मीडियाकर्मियों के तमाम सवालों का सामना कर रहे हैं।
मकान के खंडहर के पास एक टूटा हुआ बेसबॉल बैट, क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर कार और मोटरसाइकल देखी जा सकती हैं।
दुबे की मौत को लेकर गांव के लोग कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं। लोग अपने घरों के अंदर हैं और वे पूरे घटनाक्रम पर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं।(भाषा)