मंगलवार, 5 नवंबर 2024
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कश्मीर में एक और युवक आतंकवाद की राह पर

कश्मीर में एक और युवक आतंकवाद की राह पर - Terrorism, Jammu Kashmir, terrorist organization
श्रीनगर। कश्मीर में एक और युवक ने आतंकवाद की राह थामी तो उसके परिवारवालों ने उससे वापस लौट आने की अपील करनी आरंभ कर दी है, पर पिछले हफ्ते हिज्बुल में शामिल हुर्रियत कॉन्‍फ्रेंस के अध्यक्ष के बेटे जुनैद सहराई के लौट आने की अपील फिलहाल उसके परिवार द्वारा नहीं की गई है। लापता युवक के आतंकवादी संगठन में शामिल होने की खबर आई है, जिसके बाद से उसका परिवार सदमे में है।


परिवार ने आज उससे हिंसा का रास्ता छोड़कर घर लौटने का अनुरोध किया और आतंकवादियों से भी अपील की कि वे उसे छोड़ दें, क्योंकि उसके माता-पिता की हालत ठीक नहीं है। श्रीनगर के खानयार इलाके का रहने वाला फैद मुश्ताक वजा शुक्रवार को लापता हो गया था और सोशल मीडिया पर कल बंदूक हाथ में पकड़े हुए कथित तौर पर उसकी एक तस्वीर वायरल होने के बाद से उसका परिवार सदमे में है।

खबर के अनुसार, वजा आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा में शामिल हो गया है। वजा के परिवार के सदस्यों ने कहा कि यह जानने के बाद उसके बीमार माता-पिता स्तब्ध हैं। पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई टिप्पणी या बयान जारी नहीं किया है। परिवार के एक सदस्य ने बताया कि वजा शुक्रवार को एक धार्मिक सभा में शामिल होने गया था, लेकिन वह घर नहीं लौटा। तब से उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ आ रहा है। युवक के परिवार के सदस्यों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई है।

उन्होंने बताया कि उसके पिता अस्पताल में भर्ती हैं और मां का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है। दोनों सदमे में हैं। हमें पता चला कि वह आतंकवादी संगठन में शामिल हो गया है तो हमने इंटरनेट पर उसकी तस्वीर देखी। हम उससे हथियारों को छोड़ने तथा घर लौटने की अपील करते हैं वरना उसके माता-पिता इसे सहन नहीं कर पाएंगे। उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा से भी युवक को छोड़ने की अपील करते हुए कहा कि आतंकवादी भी हमारे बेटे हैं। हम अपील करते हैं कि वे उसे छोड़ दें, क्योंकि उसके माता-पिता बीमार हैं।

इस बीच तहरीके हुर्रियत के नवनियुक्त अध्यक्ष मुहम्मद अशरफ सहराई ने पुलिस महानिदेशक शेष पाल वैद की उस उलाह को ठुकरा तो दिया है, जिसमें उनसे आग्रह किया गया था कि वे हाल ही में हिज्बुल मुजाहिदीन आतंकी गुट में शामिल हुए अपने बेटे जुनैद सहराई को वापस लौट आने के लिए कहें, लेकिन सचाई यह है कि सहराई पर परिवार की ओर से ऐसा दबाव भी पड़ रहा है, पर वे ‘आंदोलन’ की खातिर और अपनी कथित आन-बान-शान को बरकरार रखने के लिए ऐसा सार्वजनिक तौर पर करने को राजी नहीं हैं।

पिछले हफ्ते ही सहराई को सईद अली शाह गिलानी के स्थान पर तहरीके हुर्रियत कश्मीर का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। यह गुट कश्मीर में तथाकथित आजादी की जंग को छेड़े हुए है। कड़वी सच्चाई यह है कि यही गुट कश्मीर के लोगों खासकर युवाओं को कश्मीर की आजादी के लिए आगे आने की अपीलें तब से कर रहा है जब से कश्मीर में कथित आजादी का आंदोलन आरंभ हुआ है।

चौंकाने वाली बात यह है कि अध्यक्ष पद को संभालने के दो दिन बाद ही सहराई को अपने बेटे के हिज्बुल मुजाहिदीन में शामिल होने की खबर मिली। दरअसल, उनका बेटा जुनैद अपने अब्बाजान की अपील से प्रभावित हुआ था और उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहा जुनैद आतंकी कमांडर बन गया।
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