Pahalgam Attack : आतंकियों ने उसे मेरी आंखों के सामने मार डाला, पीड़ित ने सुनाई वीभत्स हमले की कहानी
Pahalgam terrorist attack case : दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में घायल हुए गुजरात के भावनगर निवासी विनुभाई डाभी और उनकी पत्नी लीलाबेन ने इस वीभत्स हमले के उस दर्दनाक क्षण को शुक्रवार को याद किया, जिसमें उन्होंने एक युवक को आतंकवादियों की गोलियों का शिकार होते हुए देखा था। डाभी (55) और उनकी पत्नी उन 20 लोगों में शामिल थे, जो 16 अप्रैल को श्रीनगर में प्रवचनकर्ता मोरारी बापू का प्रवचन सुनने के लिए केंद्र शासित प्रदेश गए थे। डाभी ने कहा, जब हमें गोलीबारी के बारे में पता चला तो सभी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे।
डाभी ने बृहस्पतिवार रात को यहां पहुंचने के बाद उनके आवास पर कहा, जब हमें गोलीबारी के बारे में पता चला तो सभी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। मैं अपनी पत्नी से अलग हो गया था। जो लोग दुर्भाग्य से पीछे रह गए आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला। जब मैं भाग रहा था तो एक गोली मेरे दाहिने हाथ में लगी, जबकि दूसरी मेरे बाएं कंधे को छूती हुई निकल गई। गोली लगने से मुझे मामूली चोट पहुंची।
उन्होंने बताया, जब मैं आखिरकार अपनी पत्नी से मिला तो वह मेरी खून से सनी शर्ट और गोली के घाव को देखकर तीन बार बेहोश होकर गिर पड़ी थी। हम किसी तरह बचकर पहाड़ी की तलहटी पर पहुंचे, जहां सेना के जवान मुझे अस्पताल ले गए। मैं तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा था।
लीलाबेन ने नम आंखों से बताया कि इस हमले के दौरान जब वह अपने पति से अलग हो गई थीं तब उन्होंने देखा कि एक आतंकवादी ने किस तरह से 20 वर्षीय स्मित परमार की गोली मारकर हत्या कर दी। पहलगाम की मिनी स्विट्जरलैंड कही जाने वाली बैसरन घाटी पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में स्मित और उनके पिता यश परमार सहित 26 लोगों की जान चली गई। पिता और बेटा उन 20 लोगों के समूह में शामिल थे, जो यहां से श्रीनगर गए थे।
लीलाबेन ने कहा, जब मैं भाग रही थी तब मैंने देखा कि एक आतंकवादी ने स्मित की छाती में गोली मार दी। वह बेचारा तुरंत ज़मीन पर गिर पड़ा। वह दृश्य असहनीय था। मुझे बाद में पता चला कि उसके पिता की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जवानों ने इस हमले में किसी तरह बचे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की और उनके रहने की व्यवस्था भी की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने पति के हाथ पर खून देखा तो वह भगवान शिव की प्रार्थना करने लगीं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour