मुंबई। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने प्रत्यक्ष तौर पर हाल ही में भीड़ द्वारा की गई हिंसा का हवाला देते हुए कहा कि कई जगहों पर एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की हत्या से ज्यादा तवज्जो दी गई। अभिनेता ने अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई। उनका कहना है कि उन्होंने अपने बच्चों को किसी खास धर्म की शिक्षा नहीं दी है।
शाह 'कारवां-ए-मोहब्बत इंडिया' द्वारा किए गए वीडियो साक्षात्कार में यह टिप्पणी कर रहे थे। इस संगठन ने सोमवार को यूट्यूब चैनल पर यह वीडियो पोस्ट किया है। अभिनेता का कहना है कि ‘जहर फैलाया जा चुका है’ और अब इसे रोक पाना मुश्किल होगा।
उन्होंने कहा कि इस जिन्न को वापस बोतल में बंद करना मुश्किल होगा। जो कानून को अपने हाथों में ले रहे हैं, उन्हें खुली छूट दे दे गई है। कई क्षेत्रों में हम यह देख रहे हैं कि एक गाय की मौत को एक पुलिस अधिकारी की मौत से ज्यादा तवज्जो दी गई।
अभिनेता की पत्नी रत्ना पाठक हैं। शाह ने कहा कि उन्होंने तय किया था कि वे अपने बच्चों इमाद और विवान को धार्मिक शिक्षा नहीं देंगे क्योंकि उनका मानना है कि खराब या अच्छा होने का किसी धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
शाह का अपने बच्चों के लिए भयभीत होना 2015 में आमिर खान द्वारा असहिष्णुता पर दिए गए बयान की याद दिलाता है। खान की इस टिप्पणी के बाद विवाद पैदा हो गया था।
अभिनेता ने कहा कि मुझे बचपन में धार्मिक शिक्षा मिली थी। रत्ना (अभिनेता की पत्नी) एक प्रगतिशील घर की थी और उसे ऐसा कुछ नहीं मिला। और हमने तय किया कि हम अपने बच्चों को धार्मिक शिक्षा नहीं देंगे क्योंकि मेरा मानना है कि किसी के अच्छे होने या बुरे होने का धर्म से कोई लेना देना नहीं है।
शाह ने कहा कि हमने अपने बच्चों को अच्छे और बुरे में भेद बताया, जिसमें हमारा विश्वास है। मैंने उन्हें कुरान शरीफ की कुछ आयतें पढ़ना भी सिखाया क्योंकि मेरा मानना है कि इससे उच्चारण स्पष्ट होता है। यह वैसे ही जैसे रामायण या महाभारत को पढ़ने से किसी का उच्चारण सुधरता है।
अभिनेता ने कहा कि स्थिति जल्द सुधरने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि वह डरे हुए नहीं हैं बल्कि गुस्से में हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपने बच्चों के लिए चिंतित हूं क्योंकि कल को अगर भीड़ उन्हें घेरकर पूछती है कि तुम हिंदू हो या मुसलमान? तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं होगा। यह मुझे चिंतित करता है और मुझे नहीं लगता कि इन हालात में जल्द कोई सुधार होगा।
अभिनेता ने कहा कि ये सभी चीजें मुझे डराती नहीं हैं बल्कि गुस्सा दिलाती हैं और मैं मानता हूं कि सही सोचने वाले हर व्यक्ति को गुस्सा होना चाहिए न कि डरना चाहिए। यह हमारा घर है और किसकी हिम्मत है जो हमें हमारे घर से निकाले।
गौरतलब है कि तीन दिसंबर को बुलंदशहर जिले में दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं सहित एक भीड़ ने एक क्षेत्र में कथित गौवध को लेकर एक पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिया था। इस घटना में एक पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह और एक अन्य व्यक्ति मारे गए थे।
चव्हाण ने किया समर्थन : शाह के ताजा बयान का समर्थन करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने बृहस्पतिवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण के लिए भाजपा की कोशिशों से धर्मनिरपेक्ष लोग डर के माहौल में जी रहे हैं।
उन्होंने कहा कि शाह की बातों में दम है और इन पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा की घटना और पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयानों से स्पष्ट हो गया है कि भाजपा धार्मिक आधार पर ध्रुवीकरण करना चाहती है। (भाषा)