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Last Modified: गुरुवार, 2 नवंबर 2023 (15:34 IST)

सड़क से सचिवालय तक मराठा आरक्षण की मांग, धाराशिव में जेल भरो आंदोलन

सड़क से सचिवालय तक मराठा आरक्षण की मांग, धाराशिव में जेल भरो आंदोलन - maratha reservation movement in maharashtra
मुंबई। महाराष्ट्र के धाराशिव जिले के कई गांवों के लोगों ने मराठा समुदाय को आरक्षण की मांग को लेकर गुरुवार को ‘जेल भरो’ प्रदर्शन शुरू किया। इस बीच महाराष्‍ट्र के कई विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर राज्य सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया।
 
राज्य में सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर यहां आंदोलन कर रहे स्थानीय विधायक कैलास पाटील को मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया, जिसके बाद जिले में ‘जेल भरो’ प्रदर्शन शुरू हुआ।
 
पुलिस अधिकारी ने बताया कि विरोध प्रदर्शन में भाग लेने के लिए सैकड़ों मराठा कार्यकर्ता सुबह धाराशिव शहर और आनंदनगर ग्रामीण इलाके में एकत्र हुए। कौडगांव में सुबह साढ़े 12 बजे तक करीब 100 कार्यकर्ताओं ने ‘जेल भरो’ प्रदर्शन में भाग लिया, जिनमें से 42 को महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम की धारा 68 के तहत हिरासत में लिया गया। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
 
मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर कार्यकर्ता मनोज जरांगे द्वारा 25 अक्टूबर से जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में अनिश्चितकालीन अनशन फिर से शुरू किए जाने के कारण राज्य में प्रदर्शन तेज हो गया है। जरांगे ने इससे पहले अगस्त में भी इसी प्रकार प्रदर्शन किया था।
 
जरांगे ने मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर 29 अगस्त को प्रदर्शन शुरू किया था। जरांगे ने उस समय 14 सितंबर को भूख हड़ताल समाप्त करते हुए सरकार को आरक्षण लागू करने के लिए (24 अक्टूबर तक) 40 दिन का समय दिया था।
 
राज्य सरकार ने मंगलवार को एक आदेश जारी किया था, जिसमें संबंधित अधिकारियों से मराठा समुदाय के पात्र सदस्यों को नए कुनबी जाति प्रमाणपत्र जारी करने के लिए कहा गया है ताकि उनके लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत आरक्षण का लाभ हासिल करने का मार्ग प्रशस्त हो सके। जरांगे ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा था कि पूरे मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए।
 
माने लौटाएंगे कुनबी जाति का प्रमाण पत्र : महाराष्ट्र के धाराशिव से कुनबी जाति प्रमाणपत्र प्राप्त करने वाले मराठा समुदाय के पहले व्यक्ति ने अपना प्रमाणपत्र अधिकारियों को लौटाने का निर्णय लिया है। सुमित माने नामक इस व्यक्ति का कहना है कि राज्य में मराठा समुदाय के सभी लोगों को यह लाभ दिया जाए। माने को बुधवार को धाराशिव जिले के अधिकारियों ने कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिया था।
 
प्रमाणपत्र मिलने के कुछ घंटों के पश्चात माने ने कहा कि वह अधिकारियों को प्रमाणपत्र लौटा देगा और कहा कि सरकार केवल उसे यह फायदा दे रही है और उसके भाइयों को वंचित रख रही है तो यह उसे स्वीकार नहीं है।
 
पार्टी लाइन से हटकर विधायकों का प्रदर्शन : महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग के समर्थन में गुरुवार को कई विधायकों ने पार्टी लाइन से हटकर दक्षिण मुंबई में राज्य सचिवालय ‘मंत्रालय’ के बाहर प्रदर्शन किया।
 
सत्तारूढ़ भाजपा, राकांपा और शिवसेना के दोनों गुटों और कांग्रेस के विधायक सुबह सचिवालय के गेट पर जमा हुए और मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग में नारे लगाए। यह दूसरा दिन है जब विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों ने आरक्षण की मांग के समर्थन में मंत्रालय के बाहर प्रदर्शन किया है।
 
निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का यह कदम मराठा कार्यकर्ता मनोज जरांगे की राजनीतिक दलों के नेताओं को गांव में प्रवेश से रोकने की अपील के मद्देनजर आया है। जरांगे आरक्षण की मांग को लेकर दबाव बनाने के लिए अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं।