उत्तराखंड में लगातार बारिश से भूस्खलन, 200 से ज्यादा संपर्क मार्ग ध्वस्त
देहरादून। उत्तराराखंड में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन से करीब 200 से ज्यादा संपर्क मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं। इससे करीब 800 गांवों का जिला मुख्यालयों से संपर्क कट गया है। मुसीबत का रूप ले रही बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर आ गए। मौसम विभाग के मुताबिक, बारिश का दौर अभी जारी रहेगा।
बारिश के चलते बद्रीनाथ और केदारनाथ हाइवे के साथ ही पिथौरागढ़ और चमोली में चीन सीमा को जोड़ने वाले मार्ग मलबा आने से बंद हैं। गढ़वाल क्षेत्र में गंगा, मंदाकिनी और अलकनंदा, वहीं कुमाऊं में गोमती, सरयू, गोरी और काली नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश में कई जगह गंगा घाट जलमग्न हो गए हैं। नदियों के रौद्र रूप को देखते हुए कई शहरों में तटीय इलाकों को खाली करा दिया गया है।
ऋषिकेश में पुलिस की टीम तटीय क्षेत्रों में गश्त कर रही है। लगातार बारिश के बीच भूस्खलन से केदारनाथ पैदल मार्ग भी क्षतिग्रस्त हो गया है। फिलहाल इस मार्ग पर प्रशासन ने आवाजाही रोक दी है। प्रशासन के अनुसार मौसम साफ होने पर ही मार्ग की मरम्मत शुरू हो पाएगी।
कुमाऊं मंडल में बारिश से पिथौरागढ़ जिले में तबाही हुई। कई गांवों का जिलों से सड़क संपर्क कटा हुआ है, वहीं अल्मोड़ा, बागेश्वर व पिथौरागढ़ में दो आवासीय भवन व एक दुकान ध्वस्त हो गई। पिथौरागढ़ जिले में चीन सीमा से लगे अस्सी से अधिक गांवों का संपर्क भी भंग हो चुका है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा मार्ग भी बंद है। चंपावत में घाट से टनकपुर के बीच 12 स्थानों पर मलबा आने से सड़क मार्ग बंद हो गया है। कई निजी और सरकारी वाहनों समेत पिथौरागढ़ की ओर जा रहे सेना के एक दर्जन से अधिक वाहन भी फंस गए हैं। जून की बारिश ने पिछले पांच वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ा है। कुमाऊं के हिल स्टेशन मुक्तेश्वर में इस बार 24 घंटे के दौरान 103 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।
इससे पहले 2015 में 26 जून को 120.4 मिमी बारिश हुई थी। पिछले साल पूरे जून में 109 मिमी बारिश हुई थी। पिछले दस वर्षों में 24 घंटे के दौरान सबसे अधिक बारिश 17 जून 2013 को हुई थी। तब पूरे जून में 630 मिमी बारिश हो गई थी।