Corona संक्रमण से न डरें और न ही छिपाएं, क्योंकि नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक है...
इंदौर। मध्यप्रदेश में एक बार फिर कोरोना पांव पसार रहा है। खासकर इंदौर और भोपाल में तो लगातार बढ़कर आ रहे कोरोनावायरस (Coronavirus) मामलों से शासन-प्रशासन की नींद उड़ी हुई है। लोगों को एक बार फिर मार्च, 2020 का महीना याद आने लगा है, जब पूरे देश में लॉकडाउन (Lockdown) की घोषणा की गई थी।
इस बीच, यूके के नए स्ट्रेन ने और मुश्किलें बढ़ा दी हैं, क्योंकि कोरोना का यह नया स्वरूप बहुत तेजी से फैलता है। देश के कुछ हिस्सों में तो नाइट कर्फ्यू और लॉकडाउन लगा भी दिया गया है। इस बीच, इंदौर और भोपाल को लेकर यह खबरें भी आ रही हैं कि लोग कोरोना संक्रमण की बात दूसरों से छिपा रहे हैं।
इंदौर में कोरोना वायरस संक्रमितों का आंकड़ा 18 फरवरी से लगातार 100 के ऊपर आ रहा है। 9 मार्च को भी इंदौर में संक्रमण के 184 मामले सामने आए हैं, जबकि एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। इंदौर में संक्रमितों का आंकड़ा बढ़कर 61 हजार 227 हो गया है, जबकि मध्यप्रदेश में यह 2 लाख 65 हजार के पार हो चुका है।
इसी बीच, इंदौर से इस तरह की खबरें भी सामने आ रही हैं कि लोग कोरोना संक्रमण की बात छिपा रहे हैं। दरअसल, उन्हें इस बात का डर है कि कहीं उनका बाहर निकलना बंद न हो जाए या फिर सोसाइटियों में या परिवार में उन्हें अलग-थलग न कर दिया जाए या एक बार फिर उनका काम-धंधा बंद न हो जाए।
लोग वाट्सऐप के माध्यम से अपील भी जारी कर रहे हैं कि कृपया पॉजिटिव होने पर सोसाइटी अथवा कॉलोनीवासियों को अवश्य अवगत करवाएं ताकि बाकी रहवासियों को सावधान किया जा सके और यह महामारी और ज्यादा न फैले। दरअसल, लोग इसलिए भी डरे हुए क्योंकि कोरोना का यूके स्ट्रेन बहुत तेजी से फैलता है।
इंदौर के नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकार ने वेबदुनिया से बातचीत में बताया कि इस समय अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि कोरोना का नया स्ट्रेन 50 से 60 गुना ज्यादा संक्रामक है। अर्थात यह पुराने वायरस की तुलना में ज्यादा तेजी से फैलता है।
लोगों का मानना है कि लोग लापरवाही कर रहे हैं। वे न तो मास्क लगा रहे हैं और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं। लोगों से गार्डन, मंदिर आदि स्थानों पर कुछ समय के लिए नहीं घूमने की अपील भी की गई है। डॉ. मालाकार कहते हैं कि कन्फर्मेशन के बाद तो कोई छिपा नहीं सकता, लेकिन लोगों को संक्रमण की बात को बिलकुल भी नहीं छिपाना चाहिए। ऐसा करके व न सिर्फ दूसरों को बल्कि खुद को भी खतरे में डाल रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इंदौर में मार्च माह में सबसे ज्यादा 184 मामले 9 मार्च को आए हैं। इसके साथ ही लगातार चौथे दिन कोरोना से मौत भी हुई है। इंदौर में अब तक 938 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इससे पहले सबसे अधिक 4 मार्च को 176 पॉजिटिव सामने आए थे। हालांकि फरवरी माह में एक दिन में संक्रमण के 195 तक मामले सामने आ चुके हैं।