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Last Modified: रविवार, 12 नवंबर 2017 (19:10 IST)

चित्रकूट की जीत से मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जश्न

चित्रकूट की जीत से मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में जश्न - Chitrakoot, Assembly seat, Congress
भोपाल। मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा उपचुनाव में रविवार को कांग्रेस प्रत्याशी नीलांशु चतुर्वेदी ने भाजपा प्रत्याशी शंकरदयाल त्रिपाठी को लगभग चौदह हजार मतों से पराजित कर पार्टी का कब्जा बरकरार रखा। मध्यप्रदेश कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन के बाहर यहां जश्न का माहौल है। पटाखे चलाकर और मिठाई बांटकर कांग्रेस कार्यकर्ता एक दूसरे को बधाई दे रहे हैं। 
 
जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता नारे लगा रहे थे, ‘बीजेपी के लग गए काम, जय श्रीराम, जय श्रीराम’। सनद रहे कि हिन्दू धर्मग्रंथों के अनुसार चित्रकूट क्षेत्र में भगवान राम ने अपने वनवास काल के लगभग 12 साल गुजारे थे। 
 
भाजपा की तरह कांग्रेस द्वारा भी सत्ता के लिए भगवान राम का सहारा लेने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने मीडिया से कहा कि भगवान राम पर किसी का एकाधिकार नहीं हैं और हम भगवान राम के सच्चे उपासक हैं। 
 
उन्होंने कहा, ‘राम सच्चे और सही लोगों का साथ देते हैं, न कि भ्रष्ट लोगों का।’ वहीं, दूसरी ओर हमेशा चलह पहल भरा रहने वाला प्रदेश भाजपा कार्यालय दीनदयाल परिसर आज सुना सा दिखाई दिया।
 
प्रदेश में सत्ताधारी भाजपा के लिए चित्रकूट की पराजय खतरे की घंटी मानी जा रही है, क्योंकि अभी शिवपुरी जिले के कोलारस विधानसभा और अशोकनगर जिले के मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की घोषणा होना बाकी है। इन दोनों सीटों से कांग्रेस के विधायकों के निधन के कारण यहां उपचुनाव आवश्यक हो गए हैं।
 
चित्रकूट उपचुनाव में भाजपा की पराजय को स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया, ‘चित्रकूट उपचुनाव में जनता के निर्णय को शिराधार्य करता हूं। जनमत ही लोकतंत्र का असली आधार है। जनता के सहयोग के लिए आभार व्यक्त करता हूं। चित्रकूट के विकास में किसी तरह की कमी नहीं होगी। प्रदेश के कोने-कोने का विकास ही मेरा परम ध्एय है।’ 
 
चित्रकूट की विजय से प्रसन्न मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा, ‘कांग्रेस के समस्त नेताओं और जनता के आर्शीवाद से भगवान राम की तपस्थली से प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का वनवास समाप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने यहां जहां-जहां सभाएं लीं, वहां भी कांग्रेस पार्टी जीती है। भाजपा उम्मीदवार अपने गांव और अपने ससुराल के गांव से भी हारे हैं।’ 
 
मध्यप्रदेश में अगले साल प्रस्तावित विधानसभा चुनावों के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने के सवाल पर अजय सिंह ने कहा, ‘मैं पार्टी का सबसे छोटा कार्यकर्ता हूं, मैं कोई चेहरा नहीं हूं।’ 
 
इस उपचुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाने के सवाल पर सिंह ने कहा, ‘शिवराज सिंह चौहान ने इसे प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया था। इस उपचुनाव के नतीजों से लगता है, मध्यप्रदेश की जनता अब बदलाव चाहती है।’ 
 
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान ने कहा कि यह कांग्रेस की परम्परागत सीट है और उसके मुताबिक परिणाम आए हैं। यहां केवल वर्ष 2008 में भाजपा के सुरेन्द्र सिंह गहरवार चुनाव जीते थे। 
 
उन्होंने कहा, ‘यहां जो हुआ वह पूरे प्रदेश का मिजाज नहीं बताता है। हमें यहां से जीत की उम्मीद थी, लेकिन हम यहां से अपनी हार की समीक्षा कर उसके अनुसार सुधार करेंगे।’ (भाषा) 
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