दंगा भड़काने के आरोप में फंसे आसाराम समर्थक
आसाराम बापू के समर्थकों ने सोमवार को दिल्ली में उनकी रिहाई की मांग को लेकर खूब उत्पाद मचाया। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प हुई जिसमें 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए। समर्थकों के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आसाराम के समर्थकों के खिलाफ दंगा भड़ाने का आरोप है। इस दंगे में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। साथ ही इसमें कई आसाराम समर्थक भी घायल हुए हैं।
आसाराम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीती रात उनके समर्थकों एवं दिल्ली पुलिस के बीच झड़प हुई। इस संघर्ष में दिल्ली पुलिस के सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
पुलिस का कहना है कि यह दंगा सुनियोजित था। इसमें आसाराम के समर्थकों का हाथ था। पुलिस अभी उन लोगों की तलाश में जुटी है, जिन पर दंगे में शामिल होने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पूर्व 13 मई को आसाराम ने एक नियमित सुनवाई के बाद अदालत कक्ष से बाहर आते हुए कहा कि कानून 'अंधा' है। उन्होंने आरोप लगाया, 'कानून अंधा है। यहां किसी को भी जेल भेजा जा सकता है। एक लड़की ने कुछ कह दिया इसलिए इतने लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि वह दर्जनों बीमारियों से पीड़ित हैं और इसके लिए उनकी 'विशिष्टि चिकित्सा' की जरूरत है।'
उन्होंने दावा किया कि उनकी स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। उन्होंने कहा, 'मैं आपसे बात करना चाहता हूं, लेकिन बीमार हूं।' आसाराम के छिंदवाड़ा स्थित गुरुकुल की एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि उन्होंने जोधपुर के नजदीक अपने आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया। लड़की की शिकायत के बाद जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को आसाराम को गिरफ्तार किया और तब से वह जेल में हैं।