17 महीने बाद बढ़ी थोक महंगाई
नई दिल्ली। लगातार 17 महीने की गिरावट के बाद थोक मुद्रास्फीति की दर अप्रैल में दाल, चीनी और आलू समेत कई खाद्य पदार्थों की कीमतें चढ़ने से बढ़कर 0.34 प्रतिशत पर पहुंच गईं जबकि इससे पिछले महीने यह आंकड़ा ऋणात्मक 0.85 प्रतिशत रहा था।
सरकार के सोमवार को यहां जारी आंकड़ों में कहा गया है कि थोक मूल्यों पर आधारित मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 0.34 प्रतिशत हो गई है। इससे पिछले महीने यह शून्य से नीचे 0.85 प्रतिशत पर रही थी। पिछले साल की इसी अवधि में यह आंकड़ा ऋणात्मक 2.43 प्रतिशत दर्ज किया गया था।
पिछले सप्ताह जारी खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.39 प्रतिशत हो गई है। आंकड़ों के अनुसार पिछले साल अप्रैल की तुलना में दाल की थोक कीमतों में 36.36 प्रतिशत, आलू में 35.45 प्रतिशत और चीनी में 16.07 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
प्राथमिक वस्तु समूह के खाद्य वर्ग की मंहगाई दर 3 महीने के उच्चतम स्तर 4.23 प्रतिशत पर पहुंच गई, हालांकि दालों और आलू के अलावा अन्य वस्तुओं की कीमतों बढ़ोतरी अपेक्षाकृत कम रही।
मांस-मछली और अंडों के दाम 3.34 प्रतिशत, दूध के 2.83 प्रतिशत, अनाजों के 2.64 प्रतिशत तथा सब्जियों के 2.21 प्रतिशत बढ़े, वहीं प्याज 18.18 प्रतिशत तथा फल 2.38 प्रतिशत सस्ते हो गए।
प्रथामिक वर्ग में अखाद्य पदार्थों में तिलहन के दाम 5.68 प्रतिशत तथा फाइबर के 5.27 प्रतिशत बढ़े जबकि खनिजों के 27.24 फीसदी घट गए। ईंधन एवं ऊर्जा वर्ग में पेट्रोल 4.18 प्रतिशत, डीलज 3.94 प्रतिशत तथा रसोई गैस 1.84 प्रतिशत सस्ती हो गई।
विनिर्मित पदार्थों के वर्ग में खाद्य तेलों के दाम 5.61 प्रतिशत बढ़े। चमड़ा तथा चमड़े से बने उत्पाद भी 2.03 प्रतिशत महंगे हुए, हालांकि इस्पात तथा सेमीज 8.67 प्रतिशत, धातु, यौगिक धातु एवं मिश्र धातु के दाम 4.65 प्रतिशत, सिंथेटिक कपड़े 2.87 प्रतिशत, रबर एवं प्लास्टिक उत्पाद 1.89 प्रतिशत तथा रसायन एवं रासायनिक उत्पाद 0.79 प्रतिशत सस्ते हो गए। फरवरी की थोक मंहगाई दर भी पहले जारी 0.91 प्रतिशत ऋणात्मक से संशोधित कर 0.85 प्रतिशत ऋणात्मक कर दी गई है। (वार्ता)