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Written By WD

भय्यू महाराज : एक संत जो सुर्खियों में बना रहा

भय्यू महाराज : एक संत जो सुर्खियों में बना रहा - Bhayyu Maharaj Commit suicide
वे संत थे या नहीं हम यह बहस नहीं करने जा रहे हैं क्योंकि अब वे दुनिया में नहीं हैं और उनके सैकड़ों प्रशंसक इस समय गहरे सदमे में हैं। हाई प्रोफाइल संत भय्यू महाराज ने अपने निवास पर खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली। सवाल उनकी मौत पर भी है कि क्या यह सच में आत्महत्या है या कोई साजिश। पूर्व में भी भय्यू महाराज पर जानलेवा हमले हो चुके हैं। वे लगातार मीडिया का विषय बने रहे। कभी अन्ना का अनशन तुड़वाने को लेकर तो कभी अपनी दूसरी शादी को लेकर। कभी बड़ी-बड़ी हस्तियों के साथ उठने-बैठने को लेकर तो कभी अपनी सामाजिक सेवाओं के कारण। 
 

 
अपने सामाजिक कार्यों को लेकर वे हमेशा चर्चा में बने रहे। चाहे जरूरतमंद को स्कॉलरशिप देना हो या किसानों को मुफ्त बीज व खाद उपलब्ध करवाना हो, चाहे कैदियों को पढ़ाना हो या गांवों में जाकर तालाब खुदवाना, कभी साड़ी-कंबल का वितरण तो कभी बीमारों को इलाज की सुविधा मुहैया करवाना, चाहे सामूहिक विवाह हो या फिर लग्जरी लाइफ स्टाइल ही क्यों न हो... भय्यू महाराज की रौलेक्स घड़ियां और मर्सीडीज तक की खबरें दिलचस्पी से पढ़ी जाती रही हैं। उन पर तंत्र-मंत्र के आरोप भी लगते रहे हैं। लेकिन यह उनकी शालीनता ही कही जाएगी कि कभी उनके मुख से गलत वचन नहीं निकलते देखे गए।

वे खूबसूरत तो थे ही कमिंग होम टू सियाराम की मॉडलिंग भी उन्होंने की थी। उनकी दूसरी शादी भी खासी विवादों में रही। एन शादी के वक्त अचानक से एक स्थानीय अभिनेत्री ने उन पर आरोप लगाया कि उन्होंने उसे भी धोखा दिया है फिर दो दिन में सारे विवाद का तत्काल ही पटाक्षेप भी हो गया। 
 
आइए जानते हैं भय्यू महाराज कौन है 
 
भय्यूजी का असली नाम उदय सिंह है लेकिन महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में लोग उन्हें भय्यूजी महाराज के नाम से ही जानते हैं। उनके कई समर्थक हैं। 29 अप्रैल 1968 में मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में उनका जन्म हुआ। महाराष्ट्र में उन्हें राष्ट्र संत का दर्जा मिला हुआ था। राजनीतिक क्षेत्र में खासा प्रभाव रखने वाले भैय्यू जी के कांग्रेस के अलावा नितिन गडकरी, संघ प्रमुख मोहन भागवत से भी अच्छे संबंध थे। उन्हें राजनीतिक संकट मोचक माना जाता था। अन्ना आंदोलन के समय उन्होंने आंदोलन समाप्त करने में भूमिका निभाई थी। 
 
वे गृहस्थ संत थे। दो शादियां की थी। कुछ दिनों पहले ही एमपी सरकार ने उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा दिया था, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया था। भय्यूजी महाराज पद, पुरस्कार, शिष्य और मठ के विरोधी थे। वे देश को सबसे बड़ा मठ मानते थे। व्यक्तिपूजा को वह अपराध की श्रेणी में रखते थे। वे प्रवचन के अलावा, गीत, आलेख, कविता और भजन भी लिखते थे। देश के कई पत्र-पत्रिका-पोर्टल-वेबसाइट पर उनके आलेखों का प्रकाशन होता रहा है। देश और भारत माता के प्रति उनकी समर्पण भावना से सभी परिचित हैं। 
 
राजनीति, फिल्म जगत और उद्योग जगत की कई जानी मानी हस्तियों से उनका प्रत्यक्ष संबंध था। अपनी पहली पत्नी माधवी से उन्हें कुहू नाम की बिटिया है। उनकी दूसरी पत्नी का नाम डॉ. आयुषी है। उनकी यह शादी काफी ड्रामेटिक अंदाज में मीडिया के सामने आई थी। अपनी जिंदगी से वे खुश भी थे लेकिन अचानक इस खबर से उनका पारिवारिक जीवन भी संदेह के घेरे में आ गया है। बताया जा रहा है कि परिवार वालों के सामने ही उन्होंने यह कदम उठाया। फिलहाल लगातार खबरें आ रही है और खूबसूरत आंखों वाला वह शख्स अब हमेशा के लिए खामोश है जिसे भय्यू महाराज कहा जाता था। 


प्रस्तुति : स्मृति आदित्य