कश्मीर की नन्ही परी की शिकायत रंग लाई, अब उबाऊ नहीं होगी पढ़ाई
जम्मू। कश्मीर की नन्ही परी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से शिकायत आखिर रंग लाई है। शिकायत के 24 घंटे के भीतर यह निर्देश पारित कर दिए गए हैं कि बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाई में परमानंद मिलना चाहिए और यह थकान भरी व उबाऊ नहीं होनी चाहिए।
अंततः कश्मीर की 6 साल की बच्ची मैरू इरफान ने जम्मू कश्मीर में सरकार को ऑनलाइन शिक्षा के नियम बनाने को मजबूर कर दिया। ऑनलाइन शिक्षा में परेशानी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर वायरल हुए छह साल की बच्ची के वीडियो ने सिर्फ छोटे बच्चों के बचपन को ही बढ़ाया नहीं है बल्कि लाखों बड़े बच्चों को भी राहत दी है।
दरअसल ऑनलाइन शिक्षा के कारण खेलने का समय न मिलने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से वीडियो के जरिए अपनी बात रखने वाली श्रीनगर की छह वर्षीय बच्ची मैरू इरफान ने 24 घंटे के भीतर ही सरकार को ऑनलाइन शिक्षा के नियम बनाने के लिए मजबूर कर दिया।
मैरू के घर में मीडियाकर्मी पहुंचे तो उसने शरमाते हुए कहा कि खेलने का टाइम होना चाहिए। उसने कहा कि मैंने कैमरा ऑन कर लिया और वीडियो बना लिया। सुबह दस बजे से लेकर दोपहर दो बजे तक पढ़ो तो खेलने का समय नहीं मिलता।
वायरल वीडियो होने के बाद सरकार ने नई गाइडलाइन जारी कर दी है। प्री प्राइमरी के बच्चों की कक्षा दिनभर में 30 मिनट से ज्यादा नहीं होगी। पहली से आठवीं तक की कक्षाएं 30 से 45 मिनट के अधिकतम दो सत्रों में होंगी। इसी तरह से 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के अधिकतम चार सत्र ही होंगे।
हर सत्र की अवधि 30 से 45 मिनट के बीच होगी। वायरल वीडियो का उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने स्वतः संज्ञान लिया था। शिक्षा विभाग ने देर रात गाइडलाइन जारी की, जिसे एलजी ने अपने टि्वटर हैंडल पर शेयर भी किया। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देश में वर्चुअल क्लास में छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। वर्चुअल क्लास के दौरान आनंदमयी शिक्षा के साथ दैनिक जीवन के अनुभव के बारे में बताने पर जोर रहेगा।
बच्चों को कहानी लिखना और सुनाना, ड्राइंग, नए शब्दों को सीखना, तस्वीरें पहचानने, पढ़ने जैसे रोचक होमवर्क देने को कहा गया है। इसके साथ ही छोटे बच्चों और अभिभावकों के साथ ऑनलाइन बैठक कर उन्हें तनाव मुक्त जीवनशैली के प्रति जागरूक करने जैसे गतिविधियां आयोजित करने को कहा गया है।