हरिद्वार में 1 लाख से ज्यादा फर्जी कोरोना टेस्ट, 2 अभियुक्त गिरफ्तार
प्रमुख बिंदु
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हरिद्वार कुंभ टेस्टिंग घोटाले में 2 गिरफ्तार
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शरत पंत और मल्लिका पंत गिरफ्तार
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फर्जी रिपोर्ट बनाए जाने का सनसनीखेज मामला
हरिद्वार। हरिद्वार कुंभ टेस्टिंग घोटाले में मुख्य अभियुक्त शरत पंत और मल्लिका पंत को SIT ने उनके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया है। SIT दोनों को किसी भी वक्त हरिद्वार ला सकती है। कुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की कोरोना जांच में हुए घोटाले में हिसार, लाल चंदानी लैब सेंट्रल दिल्ली के खिलाफ 17 जून को शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ था। जांच कर रही एसआईटी भिवानी की डेलफिश लैब के संचालक आशीष वशिष्ठ को आईसीएमआर के पोर्टल पर कोविड जांच के फर्जी आंकड़े अपलोड करने के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
मैक्स कॉर्पोरेट सोसायटी के पार्टनर शरत व मल्लिका पंत को भी गिरफ्तार करते हुए शिकंजा कस दिया गया है।
हरिद्वार कुंभ के दौरान कोरोना की करीब 1 लाख फर्जी रिपोर्ट बनाए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया था। आरोप यह भी था कि फर्जी तरीके से कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव बनाकर लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया गया था।
स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्र बताते हैं कि एक ही एंटीजन टेस्ट किट से 700 सैंपल्स की टेस्टिंग दिखाई गई थी। टेस्टिंग लिस्ट में सैकड़ों व्यक्तियों के नाम पर एक ही फोन नंबर अंकित किया गया था। शरद पंत और मल्लिका पंत मैक्स कॉर्पोरेट सर्विसेज में सर्विस प्रोवाइडर थे। शरद पंत और मल्लिका पंत अपनी गिरफ्तारी पर रोक को लेकर हाईकोर्ट भी गए थे।
दोनों ने तर्क दिया था कि परीक्षण और डेटा प्रविष्टि के दौरान मैक्स कॉर्पोरेट का कोई कर्मचारी मौजूद नहीं था। परीक्षण और डेटा प्रविष्टि का सारा काम स्थानीय स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की प्रत्यक्ष निगरानी में किया गया था। अधिकारियों की मौजूदगी में परीक्षण स्टॉलों ने जो कुछ भी किया था, उसे अपनी मंजूरी दी थी। अगर कोई गलत कार्य हो रहा था तो कुंभ मेले की अवधि के दौरान अधिकारी चुप क्यों रहे?