• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. रक्षा बंधन
  4. Shravani Purnima

श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व : जानिए क्या करें इस दिन

श्रावण पूर्णिमा का विशेष महत्व : जानिए क्या करें इस दिन - Shravani Purnima
श्रावण पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ होता है अत: इस दिन पूजा उपासना करने से चंद्रदोष से मुक्ति मिलती है। श्रावणी पूर्णिमा का दिन दान, पुण्य के लिए महत्वपूर्ण होता है अत: इस दिन स्नान के बाद गाय आदि को चारा खिलाना, चींटी, मछलियों आदि को दाना खिलाना चाहिए। इस दिन गोदान का बहुत महत्व होता है। 
श्रावणी पर्व के दिन जनेऊ पहनने वाले हर धर्मावलंबी मन, वचन और कर्म की पवित्रता का संकल्प लेकर जनेऊ बदलते हैं। ब्राह्मणों को यथाशक्ति दान देकर भोजन कराया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा का विधान होता है। विष्णु-लक्ष्मी के दर्शन से सुख, धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस पावन दिन पर भगवान शिव, विष्णु, महालक्ष्मी व हनुमान को रक्षासूत्र अर्पित करना चाहिए। 

 
पुराणों के अनुसार गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर श्री अमरनाथ की पवित्र छडी यात्रा का शुभारंभ होता है और यह यात्रा श्रावण पूर्णिमा को संपन्न होती है। कावडियों द्वारा श्रावण पूर्णिमा के दिन ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है और उनकी कावड़ यात्रा संपन्न होती है। इस दिन शिव जी का पूजन होता है पवित्रोपना के तहत रूई की बत्तियां पंचगव्य में डुबोकर भगवान शिव को अर्पित की जाती हैं। 
 
रक्षाबंधन का पर्व 
 
रक्षाबंधन का त्योहार भी श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है इसे सावनी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबंधन, राखी या रक्षासूत्र का रूप है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं। उनकी आरती उतारती हैं तथा इसके बदले में भाई अपनी बहन को रक्षा का वचन देता है और उपहार स्वरूप उसे भेंट भी देता है। 
इसके अतिरिक्त ब्राहमणों, गुरुओं और परिवार में छोटी लड़कियों द्वारा संबंधियों को जैसे पुत्री द्वारा पिता को भी रक्षासूत्र या राखी बांधी जाती है।  इस दिन यजुर्वेदी द्विजों का उपकर्म होता है, उत्सर्जन, स्नान-विधि, ॠषि-तर्पणादि करके नवीनयज्ञोपवीत धारण किया जाता है। वृत्तिवान ब्राह्मण अपने यजमानों को यज्ञोपवीत तथा राखी देकर दक्षिणा लेते हैं। 
ये भी पढ़ें
कजरी पूर्णिमा : पुत्र के कल्याण के लिए मां रखती है पवित्र व्रत