Mahakumbh 2025 : मौनी अमावस्या पर दुनिया रह जाएगी दंग, टूट जाएगा श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड, जानें क्या इंतजाम
मौनी अमावस्या से पहले तीर्थराज प्रयाग में जनसैलाब उमड़ आया है। अमावस्या पर संगम त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। उम्मीद की जा रही है कि मौनी अमावस्या पर तकरीबन 10 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्थान करके पाप से मुक्ति पाएंगे। भक्तों का यह जन सैलाब मेले के एंट्री पॉइंट यानी परेड ग्राउंड से दिखाई पड़ रहे हैं। सड़क मार्ग खचाखच भरा हुआ है।
स्थिति यह हो गई कि कुंभ मार्ग पर पैदल चलते श्रद्धालु एक-दूसरे से सट-सटकर चल रहे हैं। संगमतट पर जाने के लिए 13 नंबर का जो पीपे का पुल बना हुआ है, वह खचाखच भरा हुआ है। इस पुल पर तीर्थयात्रियों की भीड़ थमने का नाम नहीं ले रही है। श्रद्धालुओं की भीड़ पीपे के पुल पर इसलिए भी अधिक है क्योंकि अधिकांश पुल पर बंद कर दिए गए हैं।
29 जनवरी को मौनी अमावस्या का स्नान है, ऐसे में पवित्र पावनी गंगा में डुबकी लगाना चाहता है, जिसके चलते करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज पहुंच चुके हैं। ऐसे में भीड़ को कंट्रोल करना भी पुलिस-प्रशासन के लिए चुनौती है। रिकॉर्डतोड़ भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने रूट डायवर्ट कर दिया है। जगह-जगह बेरीकेट्स लगाए गए हैं। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए एक मार्ग से एंट्री और दूसरे मार्ग से एग्जिट की व्यवस्था लागू की गई है। इसके चलते स्टेशन तक पहुंचने के लिए रेलवे और प्रशासन के नए नियमों का अनुपालन करना होगा।
प्रयागराज प्रशासन और कुंभ मेले के नोडल अधिकारियों ने जनसैलाब की निगरानी रखने और और ये संगम पर अत्यधिक भीड़ का जमावड़ा न हो सके उसके लिए भी विशेष प्रबंध किए हैं। भीड़ को कंट्रोल करने का जिम्मा नियंत्रण और कमान केंद्र (आईसीसीसी) को दिया गया है। आपात स्थिति से निपटने के लिए भीड़ वाले इलाकों त्वरित-प्रतिक्रिया टीमों को भी तैनात किया गया है जबकि सभी प्रमुख मार्गों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। आकाश मार्ग से भी से संदिग्ध व्यक्तियों पर नजर रखने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए निगरानी भी की जा रही है।