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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 14 जनवरी 2025 (16:45 IST)

महाकुंभ में अब नहीं होगा शाही स्नान, जानिए क्यों बदल रही है सदियों पुरानी परंपरा

महाकुंभ में अब नहीं होगा शाही स्नान, जानिए क्यों बदल रही है सदियों पुरानी परंपरा - Maha Kumbh Snan 2025
Maha Kumbh Snan 2025: प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन धूमधाम से चल रहा है। शाही स्नान महाकुंभ की एक पहचान और परंपरा है लेकिन इस बार महाकुंभ में एक बड़ा बदलाव देखने को मिला है। अब से शाही स्नान को इस नाम से नहीं पुकार जाएगा। शाही स्नान का नाम बदलकर अमृत स्नान किया जा रहा है।  आइए आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे की वजह

शाही स्नान से अमृत स्नान क्यों?
6 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने और लोगो का अनावरण करने प्रयागराज पहुंचे थे। यहां उन्होंने संतों के साथ एक बैठक का आयोजन किया जिसमें संत मंडली ने योगी से महाकुंभ आयोजन से शाही स्नान और पेशवाई जैसे शब्दों को हटाने की मांग की थी।

संतों का कहना था कि ये शब्द 'मुगलिया' और 'गुलामी' का प्रतीक हैं, इसलिए इन्हें हटाया जाना चाहिए। दरअसल कुंभ-महाकुंभ मेले का वैभव अखाड़े होते हैं। अखाड़ों के संतों के स्नान को अब तक शाही स्नान और अखाड़े के आश्रम से मेला क्षेत्र को जाने को पेशवाई कहा जाता था। यह परंपरा सदियों से चली आ रही थी लेकिन अब इसे बदल दिया गया है। वैसे भी अमृत शब्द का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है। अमृत को अमरत्व का प्रतीक माना जाता है। इसीलिए अमृत स्नान को कुंभ के स्नान के लिए उचित शब्द है।
महाकुंभ मेला 2025 में अमृत स्नान की तिथियां : 

नंबर दिनांक अमृत स्नान की तिथियां
1.  14 जनवरी 2025  प्रथम अमृत स्नान,  मकर संक्रांति पर्व
2.  17 जनवरी 2025 पौष पूर्णिमा
3. 29 जनवरी 2025 माघी अमावस्या पर मुख्य अमृत स्नान
4. 13 फरवरी 2025  बसंत पंचमी
5. 26 फरवरी 2025 माघी पूर्णिमा, प्रयागराज कुंभ का अंतिम अमृत स्नान।