गुरुवार, 25 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. प्रोफाइल
  3. राजनीति
  4. Who is Sam Pitroda
Written By
Last Modified: शुक्रवार, 22 मार्च 2019 (18:06 IST)

कौन हैं सैम पित्रोदा (Sam Pitroda)

कौन हैं सैम पित्रोदा (Sam Pitroda) - Who is Sam Pitroda
पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक पर सवाल उठाकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले सैम पित्रोदा को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है। वे वर्तमान में ओवरसीज कांग्रेस के चेयरमैन भी हैं। पुलवामा हमले पर सैम ने कहा था कि कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे पाकिस्तान को देना ठीक नहीं है।
 
प्रारंभिक जीवन : सैम पित्रोदा का असली नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। 4 मई 1942 को सैम का जन्म ओडिशा के एक गुजराती परिवार में हुआ था। सैम के पिता बढ़ई का काम करते थे। चूंकि उनके पिता चाहते थे कि वे गुजराती सीखें, अत: उनकी शुरुआती शिक्षा गुजरात में हुई। फिजिक्स और इलेक्ट्रॉनिक्स में उन्होंने महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी से मास्टर डिग्री हासिल की। अमेरिका की इलिनॉइस इंस्टीट्‍यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से भी शिक्षा प्राप्त की।
 
भारत में सूचना क्रांति के जनक : सैम को भारत में सूचना क्रांति का जनक कहा जाता है। माना जाता है कि जब मोबाइल फोन लाने का विचार किया जा रहा था तो उसके पीछे सैम का ही हाथ था। साल 2005 से 2009 तक पित्रोदा भारतीय ज्ञान आयोग के चेयरमैन चेयरमैन रह चुके हैं। 1984 में उन्होंने दूरसंचार के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के लिए सी-डॉट यानी 'सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ टेलिमैटिक्स' की स्थापना की थी। उनकी क्षमता से प्रभावित होकर राजीव गांधी ने उन्हें घरेलू और विदेशी दूरसंचार नीति को दिशा देने का काम दिया। सैम यूपीए सरकार के समय प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह के के जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार रह चुके हैं।
राहुल के करीबी : सैम पित्रोदा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राजनीतिक सलाह देने का काम भी करते हैं। राहुल की छवि में आए बदलाव का श्रेय भी कांग्रेस के कई नेता पित्रोदा को ही देते हैं। राजीव गांधी की मौत के बाद सैम ने कहा था कि मैंने अपना सबसे प्यारा दोस्त खो दिया। इस हादसे का बाद भारत में उनका मन नहीं लगा। 
 
इस तरह सत्यनारायण से सैम हुए : पढ़ाई खत्म करने के बाद सैम ने टेलीविज़न ट्यूनर बनाने वाली कंपनी ओक इलेक्ट्रिक में काम करना शुरू कर दिया। तब तक उनका नाम सत्यनारायण पित्रोदा हुआ करता था। जब उनको अपने वेतन का चेक मिला तो उसमें उनका नाम सैम लिखा हुआ था। जब उन्होंने इस संबंध में शिकायत की तो वेतन का काम देखने वाली महिला ने कहा कि तुम्हारा नाम बहुत लंबा है, इसलिए मैंने बदल दिया। और, इस तरह सत्यनारायण सैम पित्रोदा हो गए।