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Last Modified: बुधवार, 18 जनवरी 2023 (19:13 IST)

नेताजी के सख्त व्यक्तित्व में छुपा था कोमल हृदय

नेताजी के सख्त व्यक्तित्व में छुपा था कोमल हृदय - Netaji Subhash Chandra Bose story
सुभाषचंद्र बोस के घर के सामने एक बूढ़ी भिखारिन रहती थी। वे देखते थे कि वह हमेशा भीख मांगती थी और दर्द साफ दिखाई देता था। उसकी ऐसी अवस्था देखकर नेताजी का दिल दहल जाता था। भिखारिन से मेरी हालत कितनी अच्‍छी है यह सोचकर वे स्वयं शर्म महसूस करते थे। उन्हें यह देखकर बहुत कष्ट होता था कि उसे दो समय की रोटी भी नसीब नहीं होती। बरसात, तूफान, कड़ी धूप और ठंड से वह अपनी रक्षा नहीं कर पाती। 
 
नेताजी ने सोचा कि यदि हमारे समाज में एक भी व्यक्ति ऐसा है जो अपनी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकता है तो ऐसे में मुझे सुखी जीवन जीने का क्या अधिकार है? फिर उन्होंने ठान लिया कि केवल सोचने से कुछ नहीं होगा, कोई ठोस कदम उठाना ही होगा। 
 
सुभाष के घर से उसके कॉलेज की दूरी 3 किलोमीटर थी। जो पैसे उन्हें खर्च के लिए मिलते थे उनमें उनका बस का किराया भी शामिल था। उस बुढ़िया की मदद हो सके, इसीलिए वह पैदल कॉलेज जाने लगे और किराए के बचे हुए पैसे वह बुढ़िया को देने लगे।
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