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गणगौर तीज पर्व 20 मार्च को, सोलह श्रृंगार से सजेंगी सुहागिन...

गणगौर तीज पर्व 20 मार्च को, सोलह श्रृंगार से सजेंगी सुहागिन... - Married women celebrate Gangaur
* सोलह श्रृंगार से सज-धजकर गणगौर पर्व मनाएंगी सुहागिनें
 
होली के दूसरे दिन (चैत्र कृष्ण प्रतिपदा) से 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व शुरू हो गया। इस पर्व के दिनों में कुंआरी और विवाहित महिलाएं, नवविवाहिताएं प्रतिदिन गणगौर पूजती हैं तथा वे चैत्र शुक्ल द्वितीया (सिंजारे) के दिन किसी नदी, तालाब या सरोवर पर जाकर अपनी पूजी हुई गणगौरों को पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायंकाल के समय उनका विसर्जन कर देती हैं।
भारत भर में चैत्र शुक्ल तृतीया का दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाता है। हिन्दू समाज में यह पर्व विशेष तौर पर केवल सुहागिन महिलाओं के लिए ही होता है। इस दिन भगवान शिव ने पार्वतीजी को तथा पार्वतीजी ने समस्त स्त्री-समाज को सौभाग्य का वरदान दिया था। इस दिन सुहागिनें दोपहर तक व्रत रखती हैं। 
 
‍स्त्रियां नाच-गाकर, पूजा-पाठ कर हर्षोल्लास से यह त्योहार मनाती हैं। कुंआरी कन्याएं भी सुयोग्य वर पाने के लिए गणगौर माता का पूजन करती है। 16 दिवसीय गणगौर पूजा का पर्व की शुरुआत होली के दूसरे दिन से हो गई है तथा इस वर्ष गणगौर का पर्व 20 मार्च 2018 को मनाया जाएगा यानी चैत्र शुक्ल नवरात्रि की तृतीया तिथि को सोलहवें दिन गणगौर पर्व के रूप में मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए सोलह श्रृंगार कर गणगौर पर्व मनाएंगी। 
 
यह गणगौर पर्व चैत्र शुक्ल तृतीया को मनाया जाता है, इसे गौरी तृतीया भी कहते हैं। यह व्रत विवाहित महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, इससे सुहागिनों का सुहाग अखंड रहता है और कुंआरी कन्याओं को मनपसंद जीवनसाथी मिलता है।

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