शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Lalita Panchami Vrat 2020
Written By

Lalita Panchami 2020 : कब है ललिता पंचमी, जानिए महत्व, मंत्र एवं शुभ मुहूर्त

Lalita Panchami 2020 : कब है ललिता पंचमी, जानिए महत्व, मंत्र एवं शुभ मुहूर्त - Lalita Panchami Vrat 2020
Lalita Panchami 2020
 
* Lalita Panchami 2020 : आज और कल मनेगी ललिता पंचमी, जानें महत्व, मंत्र एवं शुभ मुहूर्त 
 
शारदीय नवरात्रि के आश्विन शुक्‍ल पंचमी को ललिता पंचमी पर्व मनाया जाता है। इस वर्ष ललिता पंचमी व्रत 20 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। मत-मतांतर के चलते कई स्थानों पर यह 21 अक्टूबर 2020, बुधवार को भी मनाया जाएगा। हिन्दी पंचांग के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ललिता पंचमी का व्रत रखा जाता है। 
 
ललिता देवी माता सती पार्वती का ही एक रूप हैं। ललिता देवी को 'त्रिपुर सुंदरी' के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व पूरे भारतभर में मनाया जाता है। इसे 'उपांग ललिता व्रत' के नाम से भी जाना जाता है। 
 
नवरात्रि में दुर्गा देवी के 9 रूपों की पूजा की जाती है तथा नवरात्रि के 5वें दिन स्कंदमाता के पूजन के साथ-साथ ललिता पंचमी व्रत तथा शिवशंकर की पूजा भी की जाती है। इस संबंध में ऐसी मान्‍यता है कि मां ललिता 10 महाविद्याओं में से ही एक हैं, अत: पंचमी के दिन यह व्रत रखने से भक्त के सभी कष्‍ट दूर होकर उन्हें मां ललिता का विशेष आशीर्वाद मिलता है। पंचमी के दिन इस ध्यान मंत्र से मां को लाल रंग के पुष्प, लाल वस्त्र आदि भेंट कर इस मंत्र का अधिकाधिक जाप करने से जीवन की आर्थिक समस्याएं दूर होकर धन की प्राप्ति के सुगम मार्ग मिलता है। 
 
पुराणों के अनुसार ललिता पंचमी- पुराणों के अनुसार जब माता सती अपने पिता दक्ष द्वारा अपमान किए जाने पर यज्ञ अग्नि में अपने प्राण त्‍याग देती हैं तब भगवान शिव उनके शरीर को उठाए घूमने लगते हैं, ऐसे में पूरी धरती पर हाहाकार मच जाता है। जब विष्‍णु भगवान अपने सुदर्शन चक्र से माता सती की देह को विभाजित करते हैं, तब भगवान शंकर को हृदय में धारण करने पर इन्हें 'ललिता' के नाम से पुकारा जाने लगा।
 
कालिका पुराण के अनुसार देवी ललिता की दो भुजाएं हैं। देवी ललिता का ध्यान रूप बहुत ही उज्ज्वल व प्रकाशवान है। यह माता गौर वर्ण होकर रक्तिम कमल पर विराजित हैं। दक्षिणमार्गी शाक्तों के मतानुसार देवी ललिता को 'चण्डी' का स्थान प्राप्त है। इनकी पूजा पद्धति देवी चण्डी के समान ही है। 
 
पौराणिक मान्यता- पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन माता ललिता कामदेव के शरीर की राख से उत्पन्न हुए 'भांडा' नामक राक्षस को मारने के लिए प्रकट हुई थीं। इस दिन देवी मंदिरों पर भक्तों का तांता लगता है। यह व्रत समस्त सुखों को प्रदान करने वाला होता है अत: इस दिन मां ललिता की पूजा-आराधना का विशेष महत्व है। इस दिन ललितासहस्रनाम, ललितात्रिशती का पाठ विशेष तौर पर किया किया जाता है।
 
मां ललिता का खास मंत्र- 
 
'ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं श्रीं क ए ई ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नमः।' 
 
ललिता पंचमी पर पूजन के शुभ मुहूर्त
 
तिथि- आश्विन शुक्ल पंचमी का प्रारंभ मंगलवार, 20 अक्टूबर 2020 को दिन में 11.18 मिनट से प्रारंभ होकर बुधवार, 21 अक्टूबर को सुबह 09.07 मिनट तक रहेगा। इस समयावधि में आप ललिता पंचमी का पूजा कर सकते हैं। इसके साथ ही बुधवार को दिनभर माता ललिता का पूजन किया जा सकता है। 

ये भी पढ़ें
51 Shaktipeeth : जनस्थान भ्रामरी नासिक महाराष्ट्र शक्तिपीठ-42