गुप्त नवरात्रि शुरू, 14 जुलाई तक होगी दुर्गा मां की आराधना
आषाढ़ मास में 10 महाविद्याओं की उपासना का पर्व गुप्त नवरात्रि इस वर्ष 5 से 14 जुलाई तक मनाया जाएगा। आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा से नवमी के बीच के काल को गुप्त नवरात्रि कहा गया है।
देवी भागवत पुराण के अनुसार जिस तरह वर्ष में 4 बार नवरात्रियां आती हैं और जिस प्रकार नवरात्रि में देवी के 9 रूपों की पूजा होती है, ठीक उसी प्रकार गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है।
गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधनाएं, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग दुर्लभ शक्तियों को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
मान्यता के अनुसार गुप्त नवरात्रि के दौरान अन्य नवरात्रि की तरह ही पूजन करना चाहिए। इन दिनों कई साधक महाविद्या के लिए मां काली, तारादेवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी माता, छिन्न माता, त्रिपुर भैरवी मां, द्युमावती माता, बगलामुखी, मातंगी और कमलादेवी का पूजन करते हैं।
9 दिन के उपवास का संकल्प लेते हुए प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए। अष्टमी या नवमी के दिन कन्या-पूजन के साथ नवरात्रि व्रत का उद्यापन करना चाहिए।