मंगलवार, 26 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. Annpurna Vrat Story
Written By

भगवान शिव ने क्यों लिया था भिखारी का रूप, जानिए अन्नपूर्णा जयंती के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

भगवान शिव ने क्यों लिया था भिखारी का रूप, जानिए अन्नपूर्णा जयंती के शुभ मुहूर्त और पूजन विधि - Annpurna Vrat Story
प्रतिवर्ष मार्गशीर्ष/अगहन पूर्णिमा को मां अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है। वर्ष 2018 में 22 दिसंबर, शनिवार को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जा रही है। मां अन्नपूर्णा को अन्न की देवी माना गया है। इस संबंध में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त अन्नपूर्णा जयंती के दिल सच्चे दिल से मां को याद करते हुए व्रत-उपवास करते हैं, उनके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होती, उनके घर खाने-पीने के भंडार हमेशा भरे रहते हैं।
 
 
पौराणिक हिन्दू ग्रंथों के अनुसार प्राचीन समय में किसी कारणवश धरती बंजर हो गई, जिस वजह से धान्य-अन्न उत्पन्न नहीं हो सका, भूमि पर खाने-पीने का सामान खत्म होने लगा जिससे पृथ्वीवासियों की चिंता बढ़ गई। परेशान होकर वे लोग ब्रह्माजी और श्रीहरि विष्णु की शरण में गए और उनके पास पहुंचकर उनसे इस समस्या का हल निकालने की प्रार्थना की।
 
 
इस पर ब्रह्मा और श्री‍हरि विष्णु जी ने पृथ्वीवासियों की चिंता को जाकर भगवान शिव को बताया। पूरी बात सुनने के बाद भगवान शिव ने पृथ्वीलोक पर जाकर गहराई से निरीक्षण किया।


इसके बाद पृथ्वीवासियों की चिंता दूर करने के लिए भगवान शिव ने एक भिखारी का रूप धारण किया और माता पार्वती ने माता अन्नपूर्णा का रूप धारण किया। माता अन्नपूर्णा से भिक्षा मांगकर भगवान शिव ने धरती पर रहने वाले सभी लोगों में ये अन्न बांट दिया। इससे धरतीवासियों की अन्न की समस्या का अंत हो गया तभी से मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाने लगी।
 
 
अन्नपूर्णा जयंती पर ऐसे करें पूजन :-
 
* अन्नपूर्णा जयंती के दिन अलसुबह उठकर दैनिक कार्यों से निवृत्त होकर सर्वप्रथम रसोईघर की अच्छे से साफ-सफाई करें। 
 
* फिर गंगाजल छिड़क कर पूरे घर को पवित्र करें। 
 
* तत्पश्चात जिस गैस, चूल्हे या स्टोव पर आप खाना पकाते हैं, उसकी विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें और माता अन्नपूर्णा की प्रार्थना करें।

 
* इसके साथ ही इस दिन भक्तों को भगवान शिव तथा अन्नपूर्णास्वरूप देवी पार्वती की आराधना करनी चाहिए और मां से विनती करें कि उनके घर में कभी भी अन्न की, खाने-पीने की कमी न रहे।
 
* इसके साथ ही अन्नपूर्णा माता के मंत्र, स्तोत्र, आरती तथा कथा का वाचन करके इस दिन को सफल बनाएं। माता की कृपा से आपके घर के भंडार हमेशा भरे रहेंगे।
 
अन्नपूर्णा जयंती की तिथि एवं पूजन का शुभ समय

 
मां अन्नपूर्णा जयंती : 22 दिसंबर 2018, शनिवार को मनाई जा रही है।
 
शुभ मुहूर्त का आरंभ 22 दिसंबर 2018 की सुबह 2.09 बजे से शुरू होकर रात्रि 23.18 मिनट पर अन्नपूर्णा जयंती के मुहूर्त समापन होगा। 
 
संकलन - आरके
ये भी पढ़ें
वृश्चिक राशि : साल 2019 में क्या होगा 12 महीनों का हाल, जानिए जनवरी से लेकर दिसंबर तक का भविष्यफल