शनिवार, 27 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. अन्य त्योहार
  4. 30 october 2018 skanda shashti,
Written By

30 अक्टूबर को स्कंद षष्ठी, भगवान कार्तिकेय के पूजन से होगा रोग, दुःख और दरिद्रता का निवारण

30 अक्टूबर को स्कंद षष्ठी, भगवान कार्तिकेय के पूजन से होगा रोग, दुःख और दरिद्रता का निवारण - 30 october 2018 skanda shashti,
30 अक्टूबर 2018, मंगलवार को स्कंद षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि की यह षष्ठी अति महत्वपूर्ण मानी गई है। यह व्रत भगवान शिव के बड़े पुत्र कार्तिकेय को समर्पित है। माना जाता है कि भगवान कार्तिकेय का पूजन मनोकामना सिद्धि को पूर्ण करने में सहायक है। अत: 30 अक्टूबर को स्कंद षष्ठी के दिन व्रत और पूजन करना संतान प्राप्ति के लिए भी महत्वपूर्ण माना गया है। 
 
व्रत का महत्‍व :- स्कंद पुराण के नारद-‍श्री विष्णु संवाद के अनुसार संतान प्राप्ति और संतान की पीड़ाओं को दूर करने में यह व्रत बहुत सहायक माना गया है। पौराणिक शास्त्रों के अनुसार स्कंद षष्ठी के दिन स्वामी कार्तिकेय ने तारकासुर नामक राक्षस का वध किया था, इसलिए इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से जीवन में उच्च योग के लक्षणों की प्राप्ति होती है।
 
शास्त्रों में इस बात का उल्लेख मिलता है कि स्कंद षष्ठी का व्रत करने से काम, क्रोध, मद, मोह, अहंकार से मुक्ति मिलती है और सन्मार्ग की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान कार्तिकेय के पूजन से रोग, राग, दुःख और दरिद्रता का निवारण होता है। कार्तिकेय को स्कंद देव के अलावा मुरुगन, सुब्रमण्यम नामों से भी पूजा जाता हैं। 
 
पुराणों में वर्णन है कि भगवान विष्णु ने माया मोह में पड़े नारद जी का इसी दिन उद्धार करते हुए लोभ से मुक्ति दिलाई थी। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन-अर्चन का विशेष महत्व है। इस दिन ब्राह्मण भोज के साथ स्नान के बाद कंबल, गरम कपड़े दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अनेक स्वरूपों में व अनेक नामों से की जाती है। अत: कार्तिक मास और षष्ठी पूजा-पाठ की दृष्टि से सर्वोत्तम है।