Shardiya navratri 2025: शारदीय नवरात्रि पर कब है नवपत्रिका पूजा, तारीख, मुहूर्त और विधि
Shardiya navratri saptami 2025: सप्तमी की देवी कालरात्रि हैं। शारदीय नवरात्रि में नवपत्रिका पूजा सप्तमी के दिन होती है। इसी दिन निशा पूजा भी होती है। असम, बंगाल और ओडिशा में नवपत्रिका पूजा का खास महत्व होता है। नवपत्रिका को कलाबाऊ पूजा भी कहते हैं। इस बार यह पूजा 29 सितंबर 2025 सोमवार को होगी।
नवपत्रिका पूजा, तारीख व मुहूर्त: Navpatrika puja muhurat:-
नवपत्रिका पूजा सोमवार, 29 सितम्बर 2025 को है।
नवपत्रिका के दिन सूर्योदय- सुबह 05:49 पर होगा।
ब्रह्म मुहूर्त: प्रात: 04:37 से 05:25 तक रहेगा।
प्रात: संध्या का मुहूर्त: प्रातः 05:01 से 06:13 तक रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11:47 से दोपहर 12:35 तक रहेगा।
विजय मुहूर्त: अपराह्न 02:11 से 02:58 तक रहेगा।
गोधूलि मुहूर्त: शाम को 06:09 से 06:33 तक रहेगा।
नवपत्रिका पूजा क्या है? What is Navpatrika Puja:-
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नवपत्रिका यानी नौ पत्तों से माता दुर्गा की पूजा करने का खास महत्व होता है।
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नौ तरह के नए पत्तों को एकत्रित करके यह पूजा करते हैं।
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माता के नौ रूप है और नवरात्रि के नौ दिन होते हैं।
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इसीलिए अलग अलग पेड़ का हर पत्ता देवी के अलग-अलग नौ रूप हैं।
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ये नौ पत्ते हैं- केला, कच्वी, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्वा और जौ।
नवपत्रिका पूजा विधि: Navpatrika saptami puja vidhi:-
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सप्तमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर महा स्नान किया जाता है।
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इसके बाद सभी नौ पत्तों को एक साथ बांधकर उन्हें भी स्नान कराया जाता है।
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महा स्नान के बाद पारंपरिक साड़ी यानी लाल बॉर्डर वाली सफेद साड़ी पहनते हैं।
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इसी तरह की साड़ी से नवपत्रिका और पूजा स्थल को भी सजाया जाता है।
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इसके बाद मां दुर्गा की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाती है।
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प्राण प्रतिष्ठा के बाद षोडशोपचार पूजा की जाती है।
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षोडशोपचार यानी 16 प्रकार की सामग्री से पूजा करते हैं।
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इसमें जल, फल, फूल, चंदन, कंकू, नैवेद्य, 16 श्रंगार आदि अर्पित करके मां दुर्गा का पूजन किया जाता है।
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अंत में मां दुर्गा की महाआरती होती है और प्रसाद का वितरण किया जाता है।