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कोरोना और चैत्र नवरात्रि : इस बार नवरात्रि में कौन से महादेव और ग्रह की पूजा होगी विषनाशक

कोरोना और चैत्र नवरात्रि : इस बार नवरात्रि में कौन से महादेव और ग्रह की पूजा होगी विषनाशक - corona and chaitra navratri puja
chaitra navratri 2020



यहां प्रस्तुत विचार लेखक के हैं। वेबदुनिया टीम अपने पाठकों से निवेदन करती है कि सभी अपनी सेहत और स्वच्छता का पूरी तरह से ख्याल रखें। जिम्मेदार नागरिक के रूप में सरकार-प्रशासन के हर नियम का पालन कर सहयोग करें। कोरोना वायरस से सुरक्षा ही बचाव है। अपने और परिवार के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए घर पर ही रहें। 
 
जब से राहु ग्रह ने आद्रा नक्षत्र में प्रवेश किया तब से ही यह संक्रमण पूरे विश्व में तेजी से फैल रहा है इस वक्त राहु ग्रह मिथुन राशि में अपने ही नक्षत्र आद्रा नक्षत्र में है जो 22 मई 2020 तक रहेंगे तब तक विशेष सावधानियों की जरूरत रहेगी' 
 
 29 मार्च से बृहस्पति ग्रह का मकर नीच राशि में गोचर रहेगा परंतु सूर्य अपनी उच्च राशि में 14 अप्रैल से आने पर ही इस संक्रमण का असर कम दिखाई देने लगेगा। 
 
पूरे संक्रमण का असर 21 मई के बाद ही कमजोर रहेगा। 
 
 25 मार्च विक्रम संवत 2070 प्रमादी नाम का संवत्सर प्रारंभ होगा चैत्र नवरात्रि भी शुरू ही रही है। 
 
यह समय विशेष कामना के लिए व संकट से मुक्ति दिलाने का रहेगा। 
 
इस नवरात्रि में हमें इस संक्रमण को रोकने के लिए विशेषकर राहु ग्रह की शांति के लिए करना चाहिए क्योंकि मंगल ग्रह शनि ग्रह के साथ  मकर राशि में गोचर 22 मार्च से कर रहे हैं। 
 
जब भी इन दोनों ग्रह की युति होती है तो विशेषकर राहु ग्रह का उपाय जरूरी हो जाता है।
 
स्कंद पुराण में वर्णित अवंतिका खंड में स्वयंभू 84 महादेव के अंतर्गत इस शिवलिंग का महत्व बताया गया है। 
 
10वें क्रम पर श्री कर्कोटकेश्वर महादेव के रूप में वर्णन किया गया है 
 
कर्कोटकेश्वर दशमं विद्धि पार्वती
यस्य दर्शनमात्रेण विपैनैवामिभूयते।।
 
। अर्थात महादेव जी पार्वती से कहते हैं कि जिनके दर्शन मात्र से ही विष दोष का नाश होता है राहु का काम विष का ही होता है। हम इनके स्मरण मात्र से संकट से मुक्ति पा सकते हैं साथ ही हम नवरात्रि में अपने ही घर पर राहु की शांति के लिए सरस्वती चालीसा का पाठ, दुर्गा सप्तशती का पाठ, देवी कवच,दुर्गा चालीसा,सिद्ध कुंजिका स्त्रोत का पाठ भी कर सकते हैं अपने शरीर की सुरक्षा के लिए राम रक्षा स्त्रोत का पाठ विशेष रूप से नवरात्रि में कर सकते हैं।
 
18 अक्षरों का मंत्र अच्युताय नमः, अनंताय नमः, गोविंदाय नमः केवल इस मंत्र की एक माला करने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। घर में ही शिवलिंग पर चंदन के इत्र से अभिषेक करें।हवन सामग्री में चंदन के पाउडर का उपयोग करें। चंदन की धूप अगरबत्ती लगाएं। 
 
 चंदन सर्प को  अधिक प्रिय है और राहु को सर्प का मुख बतया गया है। यह सभी उपाय श्रद्धा व विश्वास के साथ करें नवरात्रि में करें साथ ही अपनी कुलदेवी का स्मरण करें पूर्वजन्म में किए गए पापों के लिए उनसे क्षमा मांगें ताकि जल्दी से जल्दी इस महामारी का निवारण हो।  
 
लॉकडाउन का पालन करें। प्रशासन का सहयोग करें। संकट की घड़ी में हम सब मिलकर मुकाबला करें। 



(इस लेख में व्यक्त विचार/विश्लेषण लेखक के निजी हैं। इसमें शामिल तथ्य तथा विचार/विश्लेषण वेबदुनिया के नहीं हैं और वेबदुनिया इसकी कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेती है)
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