मानसून ने 8 दिन की देरी के बाद आज केरल के तटीय इलाकों में दस्तक दे दी है। आमतौर पर यह 1 जून को केरल से टकराता है। मानसून श्रीलंका को कवर करने के बाद भारत की तरफ मुड़ गया है। मानसून अगले 24 घंटे में पूर्वोत्तर के त्रिपुरा में दस्तक दे सकता है। इस साल 96 प्रतिशत बारिश की संभावना जाहिर की गई है।
केरल सरकार ने 4 जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। दो दिन बाद मानसून उत्तर पूर्व में दस्तक देगा। दक्षिण से लेकर उत्तर भारत में मानसून पांच से सात दिनों की देरी से पहुंचेगा।
मौसम विभाग के अनुसार, केरल और लक्षद्वीप में मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। केरल आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून के पहुंचने के मद्देनजर राज्य के विभिन्न जिलों में 9 से 11 मई तक रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
त्रिशूर में 10 जून के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है जबकि एर्नाकुलम, मलाप्पुरम और कोझिकोड जिले में 11 जून के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलापुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर में 9 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलापुझा, एर्नाकुलम, मलाप्पुरम और कोझिकोड जिले में 10 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है, जबकि कोल्लम, अलापुझा और कोट्टयम जिले में 11 जून के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।
आज यानी 8 जून के लिए तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलापुझा, एर्नाकुलम और त्रिशूर जिले में पीला अलर्ट जारी किया गया है। 9 जून के लिए पठानमथिट्टा, कोट्टयम, इडुक्की, पलाक्कड़, मलाप्पुरम और कोझिकोड जिले में पीला अलर्ट जारी किया गया है। कोट्टयम, इडुक्की और पलाक्कड़ में 10 जून के लिए पीला अलर्ट घोषित है, जबकि वायानाड जिले में भी 11 जून के लिए पीला अलर्ट घोषित किया गया है।
मौसम में आंशिक उतार चढ़ाव के बीच दिल्ली में गर्मी से फिलहाल राहत मिलने के कोई आसार नहीं हैं। आसमान साफ रहने से तापमान और बढ़ेगा। मुंबई महानगर में मानसून की शुरुआत अभी नहीं हुई है, लेकिन इसको लेकर मौसम विभाग ने लगभग सभी तैयारियां कर ली हैं। अगले सप्ताह तक मुंबई में भी कुछ बारिश दिख सकती है, हालांकि झमाझम बारिश के लिए थोड़ा और समय लग सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण से लेकर उत्तर भारत में मानसून पांच से सात दिनों की देरी से पहुंचेगा। हालांकि देशभर में जून में सामान्य से कम बारिश होगी। शनिवार से लेकर मंगलवार तक मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र के विदर्भ में गर्मी बनी रहेगी। कहीं-कहीं गर्म हवा के थपेड़े भी लोगों को सहने पड़ सकते हैं।
बिहार के दो प्रमंडलों को छोड़ दें तो शेष सात में खेती के लक्षण ठीक नहीं दिख रहे हैं। इन सात प्रमंडलों के मात्र चार जिलों में थोड़ी वर्षा हुई है। बिहार के 33 जिलों पर इस साल भी सूखे का खतरा मंडराने लगा है। मई में इन जिलों में 50 से 90 फीसदी तक कम बारिश हुई। सिर्फ 5 जिले ऐसे हैं जहां औसत से ज्यादा बारिश हुई है।
शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर का पारा 3 साल बाद पहली बार 44 डिग्री तक पहुंच गया और लू के थपेड़ों ने लोगों को बहुत परेशान किया। मानसून इस साल इंदौर सहित प्रदेश में देरी से दस्तक देगा। मध्य प्रदेश में 20 जून के करीब मानसून की गतिविधि शुरू होने के आसार हैं। होशंगाबाद भी शुक्रवार को सबसे गर्म रहा। यहां तापमान 46.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
राजस्थान के चुरू में पारा 46.6 डिग्री दर्ज किया गया। हरियाणा के हिसार में शुक्रवार को पारा 43 डिग्री पर पहुंच गया। हिमाचल में भी तापमान में एक से दो डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। उत्तर प्रदेश के 22 जिलों में तेज आंधी की वजह से पेड़ और बिजली के खंभे गिरे। वहां आंधी से 26 लोगों की मौत हुई है।