मौसम अपडेट : अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन से चार जवानों की मौत, कश्मीर में बाढ़
नई दिल्ली। देश में मानसून तय समय से दो सप्ताह पहले ही पहुंच गया, जिससे देश के अनेक हिस्सों में बारिश हो रही है। इसके चलते भूस्खलन से अरुणाचल प्रदेश में भारत तिब्बत सीमा पुलिस के चार जवानों की मौत हो गई। वहीं, कश्मीर में भारी बारिश से अमरनाथ यात्रा भी प्रभावित हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार, मानसून तय समय से 17 दिन पहले ही पूरे देश में पहुंच गया है। मानसून पश्चिमी राजस्थान में स्थित देश की आखिरी सीमा चौकी श्रीगंगानगर में भी पहुंच गया है। श्रीगंगानगर में मानसून सामान्यत: 15 जुलाई को पहुंचना था।
कश्मीर में बाढ़ : जम्मू एवं कश्मीर में पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश से नदियां, नाले उफान पर हैं। जिसके कारण कश्मीर घाटी में शुक्रवार को बाढ़ की स्थिति घोषित कर दी गई है। झेलम और अन्य नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है। बाढ़ के हालात के मद्देनजर प्रशासन ने अमरनाथ यात्रा स्थगित कर दी।
आईटीबीपी के जवानों पर गिरी चट्टान : उधर अरुणाचल प्रदेश के लोअर सिआंग जिले में बसर-अकाजन मार्ग पर बारिश के कारण भूस्खलन के चलते पहाड़ से एक बड़े चट्टान के टूटकर भारत तिब्बत सीमा पुलिस के वाहन पर गिरने से चार जवानों की मौत हो गई।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटना देर रात लगभग ढाई बजे लोअर सिआंग के जिला मुख्यालय लिकाबली से करीब पांच किलोमीटर दूर उस समय हुई, जब भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आई टी बी पी) के जवान पश्चिमी सिआंग जिले के बसर से लोअर सिआंग जा रहे थे।
हिमाचल में भी भूस्खलन : हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से शुक्रवार को मनाली-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग-3 अवरुद्ध हो गया। एक अधिकारी ने बताया कि राजमार्ग को साफ करने के प्रयास किए जा रहे हैं। माढ़ी में गुरुवार रात भारी बारिश के कारण भूस्खलन होने की खबरें हैं। हालांकि, जिला प्रशासन को भूस्खलन के बारे में शुक्रवार सुबह पता चला जब कुछ पर्यटकों ने उन्हें सड़क अवरुद्ध होने के बारे में सूचना दी।
असम में हाल बेहाल : असम के बाढ़ प्रभावित छह जिलों में से एक में स्थिति और बिगड़ गई। एक और व्यक्ति की मौत होने के साथ ही बाढ़ में मरने वालों की संख्या बढ़ कर 32 हो गई है।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में शाम को हुई बारिश के बाद आर्द्रता 90 प्रतिशत तक पहुंच गई। वहीं तापमान सामान्य से एक डिग्री कम हो गया। मानसूनी हवाएं दिल्ली की हवा से धूल भी उड़ा ले गई, जिसके चलते दिल्लीवासियों को करीब एक साल में सबसे स्वच्छ हवा में सांस लेने का मौका मिला।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी ने बताया कि दिल्ली वासियों को आखिरी बार इस तरह की स्वच्छ हवा पिछले साल अगस्त में मिल पाई थी।