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Last Modified: सोमवार, 8 फ़रवरी 2021 (07:15 IST)

Uttarakhand news : टूटा ग्लेशियर लाया तबाही, तपोवन टनल में अभी भी 30 लोग फंसे हुए, एक हफ्ते तक चल सकता है रेस्क्यू ऑपरेशन

Uttarakhand news : टूटा ग्लेशियर लाया तबाही, तपोवन टनल में अभी भी 30 लोग फंसे हुए, एक हफ्ते तक चल सकता है रेस्क्यू ऑपरेशन - Uttarakhand glacier burst updates
देहरादून/नई दिल्ली। उत्तराखंड के चमोली जिले में रविवार को नंदा देवी ग्लेशियर का एक हिस्सा टूट जाने के कारण ऋषिगंगा घाटी में अचानक विकराल बाढ़ आ गई। खबरों के अनुसार इससे वहां 2 पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 170 से ज्यादा मजदूर लापता हैं।

रविवार रातभर आईटीबीपी ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। आईटीबीपी अधिकारियों के अनुसार एक हफ्ते तक रेस्क्यू ऑपरेशन चल सकता है।

खबरों के अनुसार तपोवन में दूसरे टनल में अभी भी 30 लोग फंसे हुए हैं। गंगा की सहायक नदियों--धौली गंगा, ऋषि गंगा और अलकनंदा में बाढ़ से उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में दहशत फैल गई और बड़े पैमाने पर तबाही हुई। एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड पनबिजली परियोजना और ऋषिगंगा परियोजना पनबिजली परियोजना को बड़ा नुकसान हुआ तथा उनके कई मजदूर सुरंग में फंस गए।
तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 16 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इससे पहले प्रभावित क्षेत्र का जायजा लेकर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देहरादून में रविवार शाम को संवाददाताओं को बताया कि अभी तक आपदा में 7 व्यक्तियों के शव बरामद हुए हैं और कम से कम 125 लापता हैं। बाढ़ के रास्ते मे आने वाले मकान बह गए। निचले हिस्सों में मानव बस्तियों को नुकसान पहुंचने की आशंका हैं। कई गांव खाली करा लिए गए हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

निचले क्षेत्र सुरक्षित हैं और केंद्रीय जल आयोग ने कहा कि समीप के गांवों को खतरा नहीं है लेकिन धौली गंगा नदी का जलस्तर रविवार की रात एक बार फिर बढ़ गया। इसके चलते आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों में घबराहट पैदा हो गई। रविवार रात करीब आठ बजे अचानक धौली गंगा का जलस्तर बढ़ जाने के चलते अधिकारियों को एक परियोजना क्षेत्र में जारी राहत एवं बचाव कार्य को कुछ समय के लिए रोकना पड़ा। परियोजना के महाप्रबंधक (जीएम) ने कहा कि जलविद्युत परियोजना क्षेत्र की एक सुरंग में श्रमिकों एवं अन्य कर्मचारियों समेत करीब 30-35 फंसे लोगों को बचाने का अभियान आज फिर शुरू किया गया।

नई दिल्ली में रविवार की शाम यहां हुई एक आपात बैठक में मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) को यह जानकारी दी गई कि उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा नदी पर 13.2 मेगावाट की एक छोटी पनबिजली परियोजना बह गई है लेकिन निचले इलाकों में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है क्योंकि जल स्तर सामान्य हो गया है।

एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि एनसीएमसी को यह भी बताया गया कि एक पनबिजली परियोजना सुरंग में फंसे लोगों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) ने बचा लिया है जबकि एक अन्य सुरंग में फंसे लोगों को बचाने के प्रयास जारी है। अभियान का समन्वय सेना और आईटीबीपी द्वारा किया जा रहा है।
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