नई दिल्ली। नए आईटी नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ अपने बिगड़ते रिश्तों के बीच टि्वटर ने शुक्रवार को अमेरिकी कॉपीराइट कानून (डीएमसीए) के कथित उल्लंघन को लेकर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद के खाते को कुछ समय के लिए बंद कर दिया। किसी केंद्रीय मंत्री के खाते पर इस तरह से रोक लगाने का यह पहला मामला है।
मंत्री ने अमेरिकी सोशल नेटवर्किंग कंपनी के इस कदम की आलोचना करते हुए इसे मनमाना रवैया और आईटी नियमों का घोर उल्लंघन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नए आईटी नियमों का उल्लंघन किया है जिसके तहत मध्यस्थ के लिए खाते तक पहुंच को रोकने से पहले उपयोगकर्ता को नोटिस देना जरूरी है।
डीएमसीए नोटिस में समझा जाता है कि प्रसाद द्वारा किए गए 2017 ट्वीट शामिल हैं। टि्वटर ने कहा कि उसने रोक हटा दी है लेकिन संदर्भित ट्वीट को अपने पास रख लिया है। लुमेन डेटाबेस दस्तावेज के मुताबिक डीएमसीए संबंधी नोटिस 24 मई, 2021 को भेजा गया और टि्वटर को 25 जून, 2021 को मिला। लुमेन डेटाबेस एक स्वतंत्र अनुसंधान परियोजना है जिसके तहत टि्वटर द्वारा अपनी साइट पर रोक लगाई जाने वाली सामग्री सहित अन्य का अध्ययन किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक संबंधित पोस्ट में 1971 के युद्ध की विजय वर्षगांठ के मौके पर भारतीय सेना को श्रद्धांजलि देते हुए एक वीडियो डाला गया था। वीडियो में पृष्टभूमि में एआर रहमान का एक गाना बज रहा था। इस पोस्ट को कथित रूप से कॉपीराइट नियमों का उल्लंघन माना गया है।
टि्वटर ने कहा कि उसने प्रसाद के खाते पर लगी रोक हटा ली है लेकिन उस ट्वीट को अपने पास रोक लिया जिसको लेकर रोक लगाई गई। करीब एक घंटे बाद खाते पर लगी रोक हटा ली गई लेकिन साथ ही चेतावनी दी गई कि खाते के खिलाफ कोई अतिरिक्त नोटिस आने की स्थिति में उसे फिर से बंद किया जा सकता है या निलंबित किया जा सकता है।
टि्वटर को आड़े हाथ लेते हुए प्रसाद ने एक अन्य घरेलू सोशल मीडिया मंच कू पर लिखा कि टि्वटर की निरंकुश और मनमानी कार्रवाइयों को लेकर उन्होंने जो टिप्पणियां कीं उससे माइक्रोब्लॉगिंग साइट की झल्लाहट साफ दिख रही है।
प्रसाद की टिप्पणी के बाद कांग्रेस नेता शशि थरुर ने भी टि्वटर पर लिखा कि उनके साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ। उन्होंने लिखा, रविजी मेरे साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ था। साफतौर पर डीएमसीए अति सक्रिय हो रहा है। टि्वटर ने मेरा यह ट्वीट इसलिए हटा दिया क्योंकि उसके वीडियो में बोनीएम कॉपीराइट किया हुआ गाना 'रासपुतिन' था।
थरुर ने कहा, सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थाई समिति के अध्यक्ष के तौर पर मैं कह सकता हूं कि हम प्रसाद और मेरे खाते को कुछ समय के लिए बंद करने के लिए और टि्वटर के भारत में काम करते हुए नियमों एवं प्रकियाओं का पालन करने को लेकर टि्वटर इंडिया से स्पष्टीकरण मांगेंगे।
प्रसाद ने कहा, दोस्तों! आज कुछ बहुत ही अनूठा हुआ। टि्वटर ने अमेरिका के डिजिटल मिलेनियम कॉपीराइट अधिनियम के कथित उल्लंघन के आधार पर लगभग एक घंटे तक मेरे खाते तक पहुंच को रोका और बाद में उन्होंने मुझे खाते के उपयोग की मंजूरी दी। उन्होंने बाद में टि्वटर पर भी पोस्ट डाला।
आईटी मंत्री के टि्वटर खाते को ऐसे समय बाधित किया गया, जब अमेरिका की दिग्गज डिजिटल कंपनी का नए सोशल मीडिया नियमों को लेकर भारत सरकार के साथ विवाद चल रहा है। गौरतलब है कि सरकार ने जानबूझकर अवज्ञा करने और देश के नए आईटी नियमों का पालन करने में विफल रहने को लेकर टि्वटर को फटकार लगाई है। इसके कारण माइक्रोब्लॉगिंग मंच ने भारत में अपनी मध्यस्थ की स्थिति खो दी। ऐसे में किसी भी गैरकानूनी सामग्री को पोस्ट करने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए वह स्वयं जवाबदेह होगी।
मंत्री ने लिखा, ऐसा लगता है कि टि्वटर की निरंकुश एवं मनमानी कार्रवाइयों को लेकर मैंने जो आलोचना की और खासकर टीवी चैनलों को दिए साक्षात्कार के हिस्से जो साझा किए गए उसके जबर्दस्त प्रभाव से स्पष्ट तौर पर यह झल्लाहट सामने आई है।
उन्होंने साथ ही कहा कि यह अब साफ है कि टि्वटर क्यों इंटरमिडियरी दिशानिर्देशों का पालन करने से इनकार कर रही है क्योंकि अगर टि्वटर उनका पालन करती है तो वह अपने एजेंडा के उलट जाने वाले खातों पर मनमाने तरीके से रोक नहीं लगा पाएगी। प्रसाद ने कहा कि टि्वटर का कदम आईटी नियमों का घोर उल्लंघन है क्योंकि वह खाते पर रोक लगाने से पहले नोटिस देने में विफल रही।
उन्होंने कहा, टि्वटर की कार्रवाइयों से पता चलता है कि वह अभिव्यक्ति की आजादी की अग्रदूत नहीं है जैसा कि वह दावा करती है बल्कि वह केवल इस धमकी के साथ अपना एजेंडा चलाना चाहती है कि उसके हिसाब से न चलने पर वह आपको अपने मंच से मनमाने तरीके से हटा देगी।
मंत्री ने एक बार फिर साफ किया कि सोशल मीडिया मंचों को नए आईटी नियमों का पूरी तरह से पालन करना होगा और आगाह किया कि इन नियमों को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। नए आईटी नियमों में यह साफतौर पर निर्दिष्ट है कि जब भी ऐसी कोई सामग्री सोशल मीडिया पर साझा की जाती है जो उपयोगकर्ता की खुद की नहीं है तब मध्यस्थ को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह सामग्री हटाने या उस तक पहुंच रोकने से पहले वह उपयोगकर्ता को सामग्री के खिलाफ की जाने वाली कार्रवाई का कारण स्पष्ट करते हुए अधिसूचित करेगा।
इस तरह के सभी मामलों में सोशल मीडिया मंच को उपयोगकर्ता को, की जाने वाली कार्रवाई को चुनौती देने के लिए एक उचित मौका देना पड़ेगा। टि्वटर के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, हम इस बात की पुष्टि कर सकते हैं कि डीएमसीए की नोटिस की वजह से ही माननीय मंत्री के खाते तक पहुंच अस्थाई रूप से रोक दी गई और संबंधित ट्वीट को रोक दिया गया। हमारी कॉपीराइट नीति के अनुसार हम किसी कॉपीराइट के मालिक एवं उनके अधिकृत प्रतिनिधियों द्वारा हमें भेजी जाने वाली वैध कॉपीराइट शिकायतों का जवाब देते हैं।
आईटी मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि टि्वटर ने साफतौर पर प्रसाद के मामले में उनके अकाउंट को बंद करने से पहले आईटी नियमों के इस प्रावधान का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि यह साफ है कि टि्वटर आईटी नियमों का पालन न करने को लेकर प्रसाद की टिप्पणियों से असहज थी और इसलिए उसने आज यह कार्रवाई की।
सूत्रों ने साथ ही कहा कि इस मामले में जिस विषय पर चर्चा करने की जरूरत है, वह यह है कि भारत में अमेरिका के कॉपीराइट कानून लागू होंगे या भारत के खुद के। उन्होंने सवाल किया कि टि्वटर जैसा एक बहुराष्ट्रीय मंच जो खुद को अभिव्यक्ति की आजादी का बड़ा समर्थक मानता है कैसे सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री की अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने के लिए भारत में अमेरिकी कानून लागू कर सकता है।(भाषा)